Rajasthan News: गहलोत सरकार ने दी समायोजन की अनुमति, 1903 अध्यापकों को मिली राहत
CM Ashok Gehlot on Non-TSP: सीएम अशोक गहलोत के आदेश के बाद डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और सिरोही के कर्मचारियों को फायेदा मिलेगा. विधानसभा चुनावों से पहले इसे बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.
Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने विधानसभा चुनावों (Assembly Election) से पहले TSP और Non-TSP क्षेत्र के कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है. टीएसपी क्षेत्र में Non-TSP क्षेत्र के कमर्चारी बहुत सालों से ट्रांसफर की मांग कर रहे थे. जिसके बाद रविवार (30 जुलाई) को सीएम गहलोत ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. विधानासभा चुनावों से पहले इसे बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.
इसमें प्रदेश के बड़ी संख्या में टीचर वर्ग शामिल है. सीएम अशोक गहलोत ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, लंबे समय से TSP क्षेत्र में कार्य कर रहे Non-TSP क्षेत्र के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांग को पूरा करते हुए प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के अनुसूचित क्षेत्र (TSP एरिया) में कार्यरत अध्यापक लेवल-1 एवं 2 के 1903 अध्यापकों का दिये गये, विकल्प की प्राथमिकता अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्र (Non-TSP) में समायोजन के लिए आदेश जारी किए गये हैं. इन रिक्त पदों पर अब TSP क्षेत्र के निवासियों की भर्ती वर्तमान में चल रही भर्ती प्रक्रिया से की जाएगी.
आदेश के बाद टीचरों की वरिष्ठता पर नहीं होगा असर
टीएसपी क्षेत्र में कुल 1903 नॉन टीएसपी क्षेत्र के अध्यापकों को नौकरी दी गई थी. अब सरकार बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही में शिक्षकों की नई भर्ती कर रही है. इस आदेश के बाद यहां कार्यरत 1903 नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों ने राहत की सांस ली है. ये अब सीकर, झुंझुंनू, जयपुर आदि जिलों में जा सकेंगे. इसके साथ ही इनके वरिष्ठता पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. इसको लेकर ये सरकार से सालों से मांग कर रहे थे. यही वजह है कि इसे एक बड़े सियासी दांव के रुप में देखा जा रहा है.
इन जिलों के कर्मचारियों को मिलेगा फायेदा
कांग्रेस के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि ये कर्मचारियों की मांग थी,य उन्हें इसलिए ये दिया गया है. इससे कर्मचारी खुश हैं. उनके हित में निर्णय लिया गया है. राजस्थान में टीएसपी क्षेत्र में कई जिले आते हैं. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और सिरोही में इसका असर पड़ेगा. इन जिलों में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए सरकार ने ये बड़ा फैसला किया है. इसे चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है.
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