Rajasthan: गहलोत सरकार प्रदेश में पर्यावरण, वन भूमि को इको टूरिज्म के रूप में डेवलप करने पर करेगी करोड़ों का खर्च
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विकास कार्यों को लेकर लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं गहलोत सरकार ने पर्यावरण वन भूमि को इको टूरिज्म के रूप में डेवलप करने की तैयारियां कर ली है करोड़ों रुपए करेगी खर्च.
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Jodhpur News: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विकास कार्यों को लेकर लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं गहलोत सरकार ने पर्यावरण वन भूमि को इको टूरिज्म के रूप में डेवलप करने की तैयारियां कर ली है करोड़ों रुपए करेगी खर्च.
जयपुर शहर के आसपास की वन भूमि इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए नगरीय विकास स्वायत एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने अब तक की सबसे अधिक राशि एक साथ मंजूर की है. जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर शहर के आस-पास स्थित वन भूमियों को ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने वाली 6 परियोजनाओं के लिए मंत्री ने 44 करोड़ रुपए एक साथ स्वीकृत कर दिए तितली, तेंदुआ, जरख, पक्षी से लेकर बायो डायवर्सिटी विकसित करने को लेकर 6 सौगातें जयपुर को दी गई.
गहलोत सरकार करेगी करोड़ों रुपये खर्च
80 प्रजाति के पक्षियों के लिए लिए आर्द्रभूमि संबर्द्धन मुहाना परियोजना के विकास को लेकर योजना फाइनल की 244 हेक्टेयर भूमि जो नेवटा बांध बेक वाटर से बटरलोगिंग क्षेत्र बनखंड मुहाना में स्थित है, में 8 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. क्षेत्र के अधिकांश भाग में वर्ष भर पानी रहता है. यह स्थान वेटलैंड बर्ड्स, माइग्रेटरी व रेजीडेंट बड्स के लिए अत्यंत उपयोगी है. यहाँ पर लगभग 80 प्रजातियों के पक्षी प्रवास करते हैं.
सिल्वन जैव विविधता वन परियोजना का विकास सुमेल रोड पर 113 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि पर लाएंगे. 7.60 करोड़ खर्च होंगे. अरावली में पाई जाने वाली लुप्तप्रायः वनस्पतियों एवं पूर्व से लगे बेर के पौधों का -संरक्षण किया जाएगा तितली प्रजनन मोर संरक्षण, चीतल प्रजनन क्षेत्र विकसित किये जाएंगे.
गोनेर परियोजना 107 हेक्टेयर भूमि पर 6.30 करोड़ की लागत से लाएंगे. यह क्षेत्र गिरोड के नजदीक है. आबादी बढ़ती जा रही है. क्षेत्र को अतिक्रमण से प्रभावित नहीं होने देने. आबादी को शुद्ध वातावरण प्रदान करने व वन्यजीवों के लिए अच्छा आवास उपलब्ध कराने के लिए उक्त प्रोजेक्ट में पौधरोपण मृदा जल संरक्षण, की इत्यादि कार्य किए जाएंगे
आमागढ़ में तेंदुआ संरक्षण पर 10.80 करोड़
आमागढ़ आरक्षित वन में दुआ संरक्षण परियोजना 1636 हेक्टेयर भूमि पर 1080 करोड़ रुपए में लाई जाएगी. खो नागोरियन वनखंड के वनक्षेत्र के पास स्थित आमागढ़ व लाल बेरी वन क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. योजना के पूर्ण होने से झालाना लेपर्ड रिजर्व में लेपर्ड, जरख रेटल व अन्य प्रजातियों का संरक्षण हो सकेगा.
सफारी परियोजना का विकास नाहरगढ़ जैविक उद्यान में होगा. इसमें 4.53 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह क्षेत्र आमेर पर्यटन क्षेत्र के नजदीक है. यहाँ पूर्व में जूलॉजिकल पार्क, लायन सफर विकसित होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. जैविक उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के जीव एवं 285 प्रजातियों के विचरण करते हैं.
कालवाड़ रोड पर 100 हैक्टेयर में वनखंड जै विविधता वन परियोजना बीड गोविन्दपुरा (आरक्षित वन) के 747 हेक्टेयर क्षेत्र में से 100 लैक्टेयर भूमि को 5 करोड़ की लागत से विकसित करेंगे. यह क्षेत्र सघन आबादी के मध्य स्थित है. परियोजना के निर्माण से इलाकासुरम्य होगा तथा क्षेत्र के निकटस्थ निवासियों व बन क्षेत्र में भ्रमण करने वालों को शुद्धावरण मिलेगा.
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