Goa Matka Business: गर्मी का मौसम आते ही घरों में मटकों की मांग बढ़ जाती है. मटके का पानी लोगों को ठंडक पहुंचाता है. लोग बड़े चाव से खरीदकर घरों पर मटके लाते हैं. मटके की समस्या है कि हल्की चोट से टूट जाते हैं. उदयपुर में पहली बार गोवा से बिक्री के लिए मटके मंगवाए गए हैं. दावा किया जा रहा कि गोवा के मटकों की दोगुनी खासियत है.


बाजार में मिलनेवाले मटकों के मुकाबले गोवा के मटके पानी में ज्यादा ठंडा रहता है. उदयपुर के मिट्टी से बने मटके आम तौर पर 6 माह में खराब हो जाते हैं. लेकिन गोवा के बने मटकों को दो सीजन तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है. मटके शहर के अलग-अलग क्षेत्र में बिक्री के उपलब्ध हैं.


गर्मी में गोवा के मटकों की बढ़ी डिमांड


व्यापारियों का कहना है कि सामान्य तौर पर मिट्टी से बने मटकों की कीमत 60 रुपए से लेकर 200 रुपए तक साइज के अनुसार होती है लेकिन गोवा के मटके 200 से 400 तक में बिक रहे हैं. गोवा के मटकों को खरीदनेवाले बड़ी संख्या में आ रहे हैं. अलग-अलग साइज के साथ अलग-अलग डिजाइन में भी गोवा के मटके उपलब्ध हैं. हालांकि जोधपुर की काली मिट्टी के बने मटकों में भी पानी ठंडा रहता है लेकिन गोवा के मटकों की तुलना में कम रहता है.


जानिए लोग क्यों कर रहे हैं खरीदारी?


जानकर बताते हैं कि गोवा की मिट्टी में लेटेराइट और एल्युमिनियम पाया जाता है, इसलिए गोवा की मिट्टी से बनने वाले मजबूत होते हैं. व्यापारियों ने बताया कि पहली बार उदयपुर में गोवा के मटके लाए गए हैं. कम प्रचार होने के बाद भी लोगों की भीड़ दुकानों पर उमड़ रही है. दिखने में गोवा के मटके सामान्य लगते हैं लेकिन वजन ज्यादा और टिकाऊ भी हैं.


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