Rajasthan News: देशभर में मंगलवार 16 मई से फर्जी जीएसटी कंपनियों के विरुद्ध विशेष अभियान एक साथ शुरू हो गया है. यह अभियान 2 महीने तक चलाया जाएगा. जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर के 91 हजार जीएसटी व्यापारियों में से शुरुआती तौर पर 150 संदिग्ध जीएसटी व्यवसायी मिले, जिनके जीएसटी लेनदेन और इनपुट की जांच की जा रही है. इस अभियान के तहत फर्जी कंपनी व फर्जी व्यापारियों को पकड़ने पर जोर दिया जा रहा है. जोधपुर जोन-2 के अतिरिक्त आयुक्त विनोद मेहता और जोन-1 के अतिरिक्त आयुक्त भागीरथ विश्नोई ने इसकी जानकारी दी और उन्होंने 16 मई से 15 जुलाई तक चलने वाले इस स्पेशल ड्राइव ऑफ फेंक के रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी है.


जीएसटी विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान को लेकर पूरे देश सहित प्रदेश में व्यापारियों में डर का माहौल बन गया है. उन्हें डर है कि जीएसटी की पूछताछ के चक्कर में अधिकारी उन्हें परेशान करेंगे. बीते 10 दिनों से सोशल मीडिया के जरिए डर व भय का माहौल व्यापारियों में नजर आ रहा है. इस अभियान का गलत संदेश जाने के बाद प्रदेश के मुख्य आयुक्त रवि कुमार सुरपुर ने अधिकारियों को एक वॉइस मैसेज भेज कर निर्देश दिए, जिसके बाद प्रेस वार्ता रखी गई और इसके बाद ही अभियान शुरू किया जाना था.


व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं


अतिरिक्त आयुक्त भागीरथ विश्नोई ने बताया कि कई लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज के आधार पर फर्जी जीएसटी नंबर लेकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा करते हैं. माल का आदान-प्रदान करने की बजाय केवल बिल का धंधा करते हैं. इनपुट लेकर सरकार के टैक्स की चोरी करते हैं. यह अभियान इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ही चलाया जा रहा है. साथ ही अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं है. नियमित व्यापारियों को छेड़ा भी नहीं जाएगा.


एक देश एक टैक्स के तहत पूरे देशभर में जुलाई 2017 से जीएसटी कर लागू किया जा चुका है. 6 साल में पहली बार जीएसटी चोरी कर राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्यवाही के लिए देशभर में बोगस जीएसटी व्यापारियों के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत ऐसे संदिग्ध व्यापारियों को चेक किया जाएगा.


ये भी पढ़ें: Rajasthan Politics: RPSC को भंग करने की मांग को लेकर विधायक चेतन डूडी का सचिन पायलट पर हमला, बोले-'वो कर रहे युवाओं को भ्रमित'