स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर लोगों में जागरुकता आए, भ्रांतियां दूर हो और नई सकारात्मक नीतियां सरकार द्वारा लाई जाए ताकि शत प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान संभव हो सके. इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस 1 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इसी के चलते कोटा शहर में भी मां भारती चैरिटेबल ट्रस्ट एवं अपना ब्लड सेंटर तलवंडी कोटा द्वारा शहर में विभिन्न कार्यक्रम सप्ताह भर आयोजित किए जाएंगे.


मां भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दिनेश विजय ने बताया कोटा में रक्तदान को लेकर काफी जागरुकता है लेकिन अभी भी और चेतना जाग्रत करने की आवश्यकता है. विदेश की तर्ज पर यहां भी रक्तदान करने के लिए लोग स्वत: ही ब्लड बैंक पहुंच रहे हैं और यह परिपाठी कोटा में शुरू हो गई है जब लोग आफिस जाने से पूर्व या आफिस से छुट्टी होने के बाद रक्तदान करते हैं. 


पाठ्यक्रम का हिस्सा हो ब्लड डोनेशन विषय 
दिनेश विजय का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े होने से हमारा विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से प्रयास रहेगा कि आगामी समय में हम सरकार से मांग करेंगे की 15 से 18 आयु वर्ष के युवाओं को ब्लड बैंक की विजिट कराई जाए, जो पाठ्यक्रम का हिस्सा हो. साथ ही उनके पाठ्यक्रम में रक्तदान, एसडीपी एवं रक्त अवयव का विषय शामिल किया जाए ताकि युवाओं को शुरू से ही इस दिशा में जागरूकता आए और वह किसी की जान बचाने के लिए उपयोगी साबित हो सके.


एक हजार नए डोनर्स किए तैयार 
टीम जीवन दाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि कोटा में 80 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान हो रहा है. जबकि इसे और भी बढ़ाया जाकर 100 प्रतिशत किए जाने की हमारी कोशिश सदा से ही रही है और आगे भी रहेगी. भुवनेश गुप्ता ने बताया कि पिछले एक वर्ष में नए 1000 डोनर्स तैयार किए हैं, जिनकी संख्या आगामी समय में दो हजार किए जाने का लक्ष्य है.


आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों में हो ब्लड ग्रुप की जानकारी 
भुवनेश गुप्ता ने बताया कि आगामी समय में हमारा सरकार के माध्यम मांग रहेगी की ड्राइविंग लाइसेंस में भी ब्लड ग्रुप को इंगित किया जाना चाहिए साथ ही सरकार को वीडी कार्ड [वॉलंटरी डोनर] बनाने चाहिए. नई गाड़ी खरीदने पर कागजात में भी ब्लड ग्रुप होना चाहिए. आधार कार्ड में यदि ब्लड ग्रुप होगा तो किसी भी मरीज को दुर्घटना या बीमारी के समय ज्यादा परेशान होना नहीं पड़ेगा और जल्द ब्लड का इंतजाम हो जायेगा.
 
कोटा संभाग में 15 ब्लड बैंक
कोटा संभाग की बात करें तो यहां पर 15 ब्लड बैंक है, इन 15 ब्लड बैंकों में 11 ब्लड बैंक कोटा में है जिसमें 9 ब्लड बैंक निजी क्षेत्र में है एवं दो ब्लड बैंक सरकारी है. इसके अलावा दो ब्लड बैंक झालावाड़ में है जबकि एक बूंदी और एक ब्लड बैंक बारां में संचालित किया जा रहा है.


युवाओं में कर रहे नई पहल 
मां भारती जनकल्याण ट्रस्ट से जुड़े शुभम विजय बताते है  कि हम एक नई पहल शुरू कर रहे हैं जिसमें 18 वर्ष पूर्ण होने पर पहली बार रक्तदान करने वाला युवा शपथ पत्र भरकर अपना ब्लड बैंक में आएगा तो उसे पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन सभी जागरूकता संदेशों और विभिन्न माध्यमों से कोटा को 100 प्रतिशत रक्तदान हो सके यही राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान का उद्देश्य है. 


पंचायत स्तर पर हो रक्तदान,  ऐसा प्रयास होगा 
उन्होंने कहा कि आगामी समय में हमारा प्रयास रहेगा कि हर पंचायत स्तर पर वहां के प्रधान, सरपंच, वार्ड पंच तक रक्तदान को लेकर जागरूकता आए और हर पंचायत में काम से कम साल में दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता आए और लोगों में जो भ्रांतियां हैं उससे मुक्ति मिल सके.


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