Rajasthan News: राजस्थान सरकार चाहती है कि सरिस्का बाघ परियोजना के अंतर्गत जो गांव इसकी फेरा फेरी में आ रहे हैं उन गांव का मास्टर प्लान बना कर रणथंबोर की तर्ज पर स्वैच्छिक विस्थापन हो, जिसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को विस्थापन कार्य को गति देने के निर्देश दिए हैं. जिसके लिए बकायदा रोडमैप तैयार करके मास्टर प्लान के तहत स्वैच्छिक विस्थापन का कार्य होना है.
विस्थापन कार्य मैं स्वैच्छिक विस्थापित होने वाले ग्रामीणों को विकल्प के रूप में कृषि भूमि के अलावा शहरी क्षेत्र में रिहायशी भूमि आवंटन की व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए हैं गहलोत ने राजस्थान की विभिन्न भाग परियोजनाओं के प्रबंधन एवं बाघ संरक्षण के मामले पर बैठक आयोजित की जिसमें रणथंबोर सरिस्का और मुकुंदरा जैसी परियोजनाओं सुरक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण क्षेत्रों में कच्चे रास्ते, पेट्रोलिंग ट्रैक की संख्या बढ़ाने एवं चौकियों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी लगाने के निर्देश भी दिए.
बाघ से हमले पर मुआवजा राशि बढ़ाएगी सरकार
अशोक गहलोत ने कहा कि बाघ के हमले के दौरान किसी व्यक्ति की मौत या व्यक्ति के घायल होने के मुआवजे की राशि में भी वृद्धि की जाएगी बाकी हमले के दौरान जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसके परिवार को राजस्थान सरकार आर्थिक संरक्षण देना अपनी जिम्मेदारी बता रही है उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि बाघ के हमले के दौरान किसी मवेशी की मौत पर मिलने वाला मुआवजे में भी बढ़ोतरी जाए क्योंकि बाघ परियोजना की सीमा से लगे हुए गांव में अधिकांश छोटे किसान रहते हैं और पशुपालन ही उनकी एकमात्र जीवन गुजर बसर का एक साधन है.
बाघ संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाघ संरक्षण को लेकर गंभीर हैं, जिसके चलते बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, राज्य सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर और ईको टूरिज्म नीति के चलते रणथंबोर में दुनिया भर से सैलानियों का आवागमन हो रहा है और इसी की तर्ज पर सरिस्का बाघ परियोजना के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दे दिए गए तो अब उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्दी ही सरिस्का बाघ परियोजना फेरा फेरी के अंदर आने वाले लोग स्वैच्छिक विस्थापित होंगे.
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