Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) की सरकार बनने के करीब 2 महीने बाद राज्य के नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति कर दी गई है. राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) को महाधिवक्ता बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 2 दिन पहले जोधपुर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सरकार से महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर 5 फरवरी तक जवाब मांगा था. सरकार ने शनिवार को एडवोकेट जनरल की नियुक्ति कर दी है.
सीनियर अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद पदानुक्रम से प्रदेश के 19वें महाधिवक्ता बने हैं. वह नागौर जिले की परबतसर तहसील के रीड गांव से ताल्लुक रखते हैं. राजेंद्र प्रसाद ने गांव से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1981 में किया बी.कॉम किया था और फिर 1985 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया. 24 अगस्त 1985 को BCR में उन्होंने वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. तब से राजस्थान हाईकोर्ट में वह प्रैक्टिस कर रहे हैं. उन्होंने 1972 से 1978 के बीच अलग-अलग तरह की प्रतिस्पर्धा में सिल्वर और गोल्ड मेडल प्राप्त किया है. 1980 में उन्हें सीए इंस्टिट्यूट से बेस्ट स्पीकर का अवॉर्ड मिला था. राजेंद्र प्रसाद ने 1983 में अंग्रेजी में वाद-विवाद प्रतियोगिता में अवॉर्ड जीता था.
महाधिवक्ता के अभाव रुकी हुई थी सरकारी मामलों की पैरवी
दरअसल एडवोकेट जनरल की नियुक्ति के मामले को लेकर एडवोकेट रविंद्र कुमार माथुर ने एक याचिका पेश की थी. जिसमें लिखा था कि सरकार के गठन को दो महीने बीत चुके हैं. अभी तक राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं की गई है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के जोधपुर खंडपीठ ने आदेश जारी कर कहा था कि राज्य की ओर से प्रभावी और पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं किया जा रहा है. राज्य के कानून सचिव को 24 जनवरी को बुलाया गया था. उसे समय कानून सचिव ने हाईकोर्ट से नियुक्ति के लिए कुछ समय मांगा था. सरकार बनने के 2 महीने में सरकार से जुड़े मामलों की पैरवी भी अटकी हुई थी. हाईकोर्ट में चल रहे सरकार से जुड़े सभी मामलों की पैरवी एजी ओर एएजी की ओर से की जाती है.
ये भी पढ़ें- Rajasthan: कोटा जिला कलेक्टर ने छात्रों के साथ किया डिनर, स्टूडेंट्स ने पूछा- मन ना लगे तो कैसे पढ़ाई करें?