Udaipur News: विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का कई छात्रों का सपना होता है. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कई छात्र विदेश नहीं जा पाते हैं. ऐसे में राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी ने एक शानदार पहल की है. इस पहल के तहत विदेश में पढ़ने के लिए जाने वाले स्टूडेंट्स को करीब 16 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिलने वाली है. इस यूनिवर्सिटी का नाम है उदयपुर स्थिति महाराणा प्रताप कृषि एव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय. यह राजस्थान की सभी कृषि विश्वविद्यालय में टॉप पर है. यहां स्टूडेंट्स को आर्थिक रूप से सपोर्ट करने के लिए यह पहल हुई है. यहीं नहीं, ऑस्ट्रेलिया में भी सामान्य नहीं, वहां की टॉप वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स पढ़ाई कर पाएंगे.  


यूनिवर्सिटीज के बीच दिल्ली में साइन हुआ एमओयू 
दरअसल, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया और महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी उदयपुर के बीच दिल्ली में एक समझौता साइन किया गया है. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो वर्ने ग्लोवर एवं एमपीयूएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. इस समझौते में पिछले साल हुए समझौते को अगले 5 साल के लिए बढ़ाया गया है. इस मौके पर कुलपति डॉ कर्नाटक ने बताया कि यह हम सभी के लिए एक अभूतपूर्व पल है. उन्होंने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से एमपीयूएटी और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के मध्य शोध और विधार्थियों के उच्च अध्ययन के लिए रास्ते खुलेंगे. इस समझौते के तहत हमारे विद्यार्थियों को ऑस्ट्रेलिया के श्रेष्ठतम शिक्षण संस्थान में अध्ययन एवं शोध का अवसर मिलेगा. बता दें कि इस साल मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग सीटीआई के दो छात्रों का चयन पीएचडी के लिए डुएल डिग्री प्रोग्राम के अंतर्गत हो चुका है.


पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाएगी वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय
जानकारी के अनुसार पढ़ाई का पूरा खर्च वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय देगी. अभी पिछले माह ही यूनिवर्सिटी के 14 छात्र वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस लौटे हैं. सीटीआई के डीन डॉ. पी के सिंह ने बताया कि इस समझौते के तहत पीएचडी के छात्र-छात्राओं को ऑस्ट्रेलिया आवास के दौरान 30000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. जोकि करीब 16 लाख रुपए है. इसके अलावा उच्च लागत वाली परियोजनाओं में 6000 ऑस्ट्रेलिया डॉलर एवं कम लागत वाली परियोजना के लिए न्यूनतम राशि प्रदान की जाएगी.


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