Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात चुनाव की तारीख का एलान होने से पहले राजनीतिक पार्टियों ने वोटरों को अपने पक्ष में बैठाने का काम शुरू कर दिया. गुजरात प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बसे 15 लाख राजस्थानी वोटरों को रिझाने का जिम्मा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान के 108 नेताओं को सौंपा है.
इनमें प्रदेशाध्यक्ष समेत केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक शामिल हैं. जिम्मेदारी मिलने के साथ ही इन नेताओं ने ग्राउंड जीरो पर काम भी शुरू कर दिया. नेता गुजरात के विभिन्न इलाकों का दौरा कर वहां रहने वाले राजस्थानियों से संपर्क कर रहे हैं.
इसके साथ ही राजस्थान में निवास कर रहे गुजराती वोटरों से भी संपर्क साध रहे हैं. हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सूरत, गांधीनगर, अहमदाबाद का चुनावी दौरा किया था और अभी वे राजस्थान में हैं. इनके अलावा 107 नेता अभी गुजरात में प्रचार-प्रसार में जुटे हैं.
इन राजस्थानी नेताओं को सौंपा जिम्मा
बीजेपी ने गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री और बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को जिम्मा सौंपा है.
इसके अलावा राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व सांसद नारायण पंचारिया, झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, सिवाणा विधायक हम्मीर सिंह भायल, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल को इसका जिम्मेदारी दी गई है.
खेरवाड़ा के पूर्व विधायक नानालाल अहारी, डग के पूर्व विधायक रामचंद्र सुनारीवाल, जैसलमेर के पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी, प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल, प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद सावर समेत संगठन के 108 नेताओं को जिम्मा सौंपा गया.
9 जिलों में 18 जिला पदाधिकारी तैनात
बीजेपी ने गुजरात के 9 जिलों में प्रदेश के 18 नेताओं को तैनात किया. प्रत्येक जिले में 1-1 कॉर्डिनेटर और को-कॉर्डिनेटर तैनात किए हैं. हर जिले में जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री स्तर के नेता को नियुक्त किया गया. 43 विधानसभा क्षेत्र में 86 नेताओं को बतौर संयोजक और सह-संयोजक नियुक्त कर जिम्मेदारी सौंपी गई.
चुनाव पहले ये नेता भी जाएंगे गुजरात
गुजरात चुनाव में प्रदेश बीजेपी के अन्य नेता भी प्रचार के लिए जाएंगे. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ीलाल मीणा, लोकसभा सांसद सी.पी. जोशी, सुमेधानंद सरस्वती चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे.
इसके अलावा सुभाषचंद्र बहेड़िया, कनकमल कटारा, राहुल कस्वां, निहालचंद मेघवाल, देवजी पटेल, अर्जुनलाल मीणा, दीया कुमारी, पी.पी. चौधरी समेत अन्य नेताओं को भी गुजरात में प्रचार के लिए भेजने की रणनीति बनाई जा रही है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में BJP का आंकड़ा
- 2017 विधानसभा चुनाव- 99 सीटें
- 2012 विधानसभा चुनाव- 115 सीटें
- 2007 विधानसभा चुनाव- 116 सीट
- 2002 विधानसभा चुनाव- 127
- 1998 विधानसभा चुनाव- 117
- 1995 विधानसभा चुनाव- 121
51 विधानसभा क्षेत्रों में राजस्थानी वोटर
गुजरात की कुल आबादी करीब 7 करोड़ 4 लाख है. इसमें लगभग 1.50 करोड़ दूसरे राज्यों से आए लोग हैं. पड़ोसी राज्य होने से यहां बड़ी संख्या में राजस्थानी भी बसे हैं. बीजेपी ने गुजरात को 4 जोन नॉर्थ गुजरात, सेंटर गुजरात, साउथ गुजरात और सौराष्ट्र में बांटकर रणनीति तैयार की है. नॉर्थ गुजरात में बीजेपी के 9 संगठन जिलों में 43 विधानसभा क्षेत्र हैं.
इनमें अहमदाबाद नॉर्थ, अहमदाबाद साउथ, गांधीनगर शहर, गांधी नगर ग्रामीण, कच्छ-भुज, बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन, अरावली जिले शामिल हैं. इनके अलावा 8 जिले सूरत, वड़ोदरा, राजकोट, जामनगर, पालनपुर, मेहसाणा, भावनगर, भुज में भी राजस्थानी प्रवासी हैं.
कुल 51 शहरों में 15 लाख से ज्यादा प्रवासी राजस्थानी होने का अनुमान है. इनमें 4 लाख आदिवासी बताए गए हैं जो दक्षिण राजस्थान से हैं. गुजरात के दो बड़े जिलों में ही 5 लाख राजस्थानी रहते हैं. सूरत में 2.75 लाख और अहमदाबाद में 2.25 लाख से ज्यादा राजस्थानी बसे हैं.
पार्टी ने झोंकी पूरी ताकत
गुजरात चुनाव के बाद वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. सत्ता वापसी के लिए बीजेपी को गुजरात में जीतना बड़ी चुनौती है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह क्षेत्र भी है. ऐसे में यहां जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी केंद्रीय मंत्रियों को यहां चुनाव प्रचार में लगा दिया. केंद्रीय मंत्रियों के साथ मोदी-शाह खुद भी यहां लगातार दौरे कर रहे हैं. बता दें कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 22 साल के इतिहास में सबसे कमजोर रही थी.
की 182 सीटों में से बीजेपी को 99 और कांग्रेस को 77 सीट मिली थी. इस बार आम आदमी पार्टी ने भी यहां ताल ठोक रखी है. ऐसे में किसी भी पार्टी के लिए जीत आसान नहीं होगी.
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