Exit Poll 2022: गुजरात और हिमाचल में राजस्थान के ये कांग्रेस स्टार प्रचारक नहीं चमका सके पार्टी का 'सितारा'?
Exit Poll Result 2022: गुजरात में हुए दूसरे चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में कांग्रेस की राज्य में सरकार बनती नहीं दिख रही. हिमाचल में कांग्रेस ने कांटे की टक्कर दी है.
Gujarat and Rajasthan Exit Poll: हिमाचल प्रदेश और गुजरात के लिए जब कांग्रेस ने अपने 40-40 स्टार प्रचारकों के नामों की लिस्ट जारी की थी तो उसमें राजस्थान के तीन बड़े चेहरे ऐसे थे जिन्हे बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. सबसे पहले बात करते हैं गुजरात के प्रदेश प्रभारी डॉ रघु शर्मा की. जो राजस्थान में कैबिनेट मंत्री थे. उनकी अगुवाई में कांग्रेस वहां पर चुनाव लड़ी. वहीं 12 जुलाई को जब कांग्रेस ने सीएम अशोक गहलोत को गुजरात विधानसभा के लिए सीनियर ऑब्जर्वर और सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया था, तो उस समय यह कहा जा रहा था कि, इन नेताओं के कंधे पर जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने मजबूत इरादा दिखा दिया था.
गुजरात में राजस्थान के इन नेताओं का ये है हाल
गुजरात में राजस्थान के दो बड़े नेता लगातार डटे रहे. गुजरात के प्रभारी डॉ रघु शर्मा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धुआंधार रैलियां और सभाएं की है. वहीं सचिन पायलट ने भी कई रैलियां की थी. 31 अक्टूबर को ही 4 जनसभाओं को संबोधित किया था. ऐसे में जहां गुजरात में जहां राजस्थान के बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. फिर एग्जिट पोल के रुझानों में कांग्रेस से भी खराब प्रदर्शन पर दिख रही है. एक आकड़ें के अनुसार गुजरात के 51 शहरों में 15 लाख से ज्यादा राजस्थानी है. इनमें 4 लाख आदिवासी बताए गए हैं, जो दक्षिण राजस्थान से हैं. गुजरात के दो बड़े जिलों में ही 5 लाख राजस्थानी रहते हैं. सूरत में 2.75 लाख और अहमदाबाद में 2.25 लाख से ज्यादा राजस्थानी बसे हैं, लेकिन इस बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट का कोई जादू चलता नहीं दिख रहा है.
हिमाचल प्रदेश में ये रहा है हाल
हिमाचल प्रदेश में सचिन पायलट को कांग्रेस का प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया गया था. जिन्होंने 7-8 दिन में ताबड़तोड़ 22 सभाएं की थी. उस दौरान पायलट की सभाओं में भीड़ भी देखने को मिली थी. वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी. हिमाचल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कुछ रैलियां और सभाएं की थी. अब एग्जिट पोल को देखने के बाद लगता है कि इन नेताओं का कोई जादू वहां पर नहीं चला है.