New Governor of Assam: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 राज्यपालों और उपराज्यपालों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. राजस्थान बीजेपी के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है. कटारिया अभी राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे. राजस्थान की राजनीति में कटारिया खरा बयान देने के लिए मशहूर कटारिया के पास चार दशक से अधिक का राजनीतिक अनुभव है. 


कहां से शुरू की राजनीति


राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने से प्रदेश में खुशी का माहौल है. कटारिया के चुनाव क्षेत्र उदयपुर समते के प्रदेश भर के उनके समर्थकों ने उन्हें इस नियुक्ति पर बधाई दी है. कटारिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए राजनीति में आए थे. वो बचपन से ही आरएसएस से जुड़े रहे. वो पढ़ने के साथ-साथ आरएसएस के लिए काम भी करते थे. जनसंघ से राजनीति शुरू करने वाले कटारिया बीजेपी के शुरुआती नेताओं में से एक हैं. वो 1977 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते थे. अब तक वो आठ बार विधायक रहे चुके हैं. वो 1989 से 1991 तक नौवीं लोकसभा के भी सदस्य रहे. वे उदयपुर से लोकसभा का चुनाव जीते. 


उन्हें 27 मई 1999 को राजस्थान बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. वो इस पद पर 19 जून 2000 तक रहे. इसके अलावा वो 1977 से 1980 तक राजस्थान में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष और महासचिव भी रहे. वो 1980 से 1986 तक बीजेपी राजस्थान के सचिव रहे. उन्हें प्रमोशन देकर 1986 में राजस्थान बीजेपी का महासचिव बनाया गया था. वो 1993 तक महासचिव रहे. 


स्कूल टीचर से गवर्नर तक


पांच लड़कियों के पिता गुलाबचंद कटारिया ने प्राइवेट स्कूल में अध्यापन से अपने करियर की शुरुआत की. स्कूली पढ़ाई के दौरान ही आरएसएस से जुड़े कटारिया  आदिवासीर इलाकों में जाकर प्रचार करते थे.उनके स्कूल में अध्यापन के दौरान ही 1975 में आपातकाल लगा. इस दौरान उन्होंने भूमिगत रहते हुए संगठन का काम किया. उन्हें जेल भी जाना पड़ा. कटारिया पहली बार 1977 में विधायक चुने गए थे. उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से एमए,बीएड औ एलएलबी की शिक्षा लेने वाले कटारिया अपने संसदीय जीवन में कई सरकारों में मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने शिक्षा, पीडब्लूडी और गृह विभाग के मंत्री का पद संभाला है.


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