Guru Purnima 2024: डीग जिले के ग्राम पूंछरी पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रात्रि विश्राम लौठा गेस्ट हाउस में करेंगे. कल रविवार को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) पर मुख्यमंत्री सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे तक स्थानीय कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. स्थानीय कार्यक्रम में शिरकत के बाद सुबह 9:40 बजे सेवर भरतपुर रवाना हो जायेंगे. सेवर भरतपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री लुधावई स्थित बड़ा हनुमान मंदिर जायेंगे. मुख्यमंत्री शर्मा दोपहर 1:45 बजे पूंछरी का लौठा पहुंचेंगे.


श्रीनाथ मंदिर में शीश नवाने के बाद मुख्यमंत्री दोपहर से सांय 6 बजे तक स्थानीय कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. उत्तर प्रदेश के गोवर्धन स्थित गिरिराज जी की पूंछरी के लौठा में लगभग डेढ़ किलोमीटर परिक्रमा मार्ग आता है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गिरिराज जी में विशेष आस्था है. मुख्यमंत्री बनने से पहले भजनलाल शर्मा हर माह गिरिराज जी की परिक्रमा के लिए गोवर्धन जाते थे. गुरु पूर्णिमा पर प्रतिवर्ष लगने वाले गोवर्धन लक्खी मेले में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन भी करते थे.




गुरु पूर्णिमा पर सीएम भजनलाल शर्मा का कार्यक्रम


लक्खी मेले में देश के विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा पर पहुंचते हैं. गिरिराज जी की परिक्रमा लगभग 21 किलोमीटर होती है. पूंछरी के लौठा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ से भंडारे का आयोजन किया गया है. डीग जिले में परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कुंडों की बैरिकेडिंग कराई गई है. मुड़िया पूर्णिमा मेला डीग स्थित पूंछरी में 17 मई से शुरू हो चुका है.


श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फव्वारे लगाये गये


परिक्रमा स्थित कुंड में मानसी गंगा की तर्ज पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फव्वारे लगाए गए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से संपूर्ण मेला क्षेत्र को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है. जिला प्रशासन ने 300 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. सात कोस की परिक्रमा मार्ग का 1.2 किलोमीटर हिस्सा पूंछरी का लौटा में पड़ता है. 24 घंटे कंट्रोल रूम से पल पल की निगरानी रखी जा रही है. कलेक्टर डीग श्रुति भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा की तरफ मॉनिटरिंग कर रहे हैं. 




दिखाई जा रही ब्रज संस्कृति की झलक 


पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन डीग के संयुक्त तत्वाधान में 18 जुलाई से 21 जुलाई तक पूंछरी में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रमों के अंतर्गत शहनाई वादन ,कच्छी घोड़ी नृत्य,मयूर नृत्य,फूलों की होली,लोकगीत, चरी नृत्य,भवाई नृत्य ,चरकुला नृत्य,कालबेलिया नृत्य,बम वादन व लंगावादन की भव्य प्रस्तुति दी जा रही है. श्रद्धालु ढोल और मृदंग की धुन पर नाचते-गाते हुए नजर आ रहे हैं. स्वागत द्वारों को पुष्पों से सजाया गया है. रात्रि में पूंछरी परिक्रमा मार्ग जगमग रोशनी से खिल उठता है. परिक्रमा क्षेत्र में जगह जगह पर विश्राम स्थली, निशुल्क स्वागत कक्ष की व्यवस्था की गई है.


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