Guru Purnima 2024 Latest News: राजस्थान के कोटा सहित देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. कोटा में भी गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने-अपने गुरू के पास जाकर आशीर्वाद लेते हैं और जिनके गुरू ब्रह्मलीन हो गए हैं वह उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं. कोटा में शंभू सिंह कौशिक एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने कोटा ही नहीं राजस्थान के कई गांव, मध्य प्रदेश और यूपी सहित कई प्रदेशों में भ्रमण किया और हजारों लोगों की बुराईयों को छुडवाया है. 


कोटा में एक कंजर बस्ती पूरी ही अपराध में लिप्त थी जिन्होंने अपराध का रास्ता छोड दिया और अब सभ्य रूप से जीवन यापन कर रहे हैं. कंजर बस्ती अब शंकर बस्ती हो गई है. यहीं नहीं अब वे अपनी कमाई का कुछ हिस्सा धर्म के कार्यों में व्यय कर रहे हैं. कुछ तो यज्ञ कर रहे हैं, मंत्रोच्चार कर रहे हैं. 


गुरु पूर्णिमा पर दूर दराज को लोग आते हैं कोटा 
गुरु पूर्णिमा पर दूर दराज से लोग कोटा आते हैं और अपने गुरू के समक्ष पूजन अर्चन करते हैं. शंभू सिंह के पुत्र यज्ञ दत्त हाडा एवं युधिष्टर हाडा ने बताया कि हजारों लोग हैं जो गुरुजी के सम्पर्क में आने के बाद सच्चाई की राह पर चल रहे हैं. जिनके हाथ में चाकू, बंदूक थी उनके हाथ में यज्ञ की वेदी पर आहुतियां देते मंत्रोच्चार हैं. दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान यह लोग कई प्रदेशों से कोटा आते हैं और ब्रह्मलीन शंभू कौशिक महाराज को नमन करते हैं, यज्ञ करते हैं, प्रसादी बनाते हैं, पूजन करते हैं. इन लोगों के परिवार भी अब सही राह पर चल रहे हैं और शिक्षा से बच्चों को भी जोड़ रहे हैं.


चोरी करने पर पिता ने बेटों को पुलिस के हवाले किया
शंभू सिंह कौशिक की शरण में आने के बाद एक परिवार पूरा सुधर गया था, लेकिन एक दिन उस परिवार का बेटा डेढ लाख रुपए चोरी करके आया पिता को पता चला तो उन्होंने पुलिस को फोन करके बेटे को पैसे के साथ पुलिस को सुपुर्द कर दिया. पिता ने उसके बेटे ने गुरु का वचन तोड़ा है. उसके बाद प्रशासन ने उस परिवार का सम्मान किया था.


पहले जीवन जानवर की तरह था अब बन गया स्वर्ग
एक साधक ने बताया कि पहले उसका जीवन जानवरों की तरह था, किसी के साथ भी मारपीट करना, उसके पैसे छीन लेना, अपराध करना और जंगल में गुजर बसर करना. पुलिस के डर से भागते रहते थे, लेकिन अब अपराध छोडकर लगता है कि स्वर्ग यहीं मिल गया. पहले हमारे यहां का कोई पानी भी नहीं पीता था अब सभी समाज मिलकर रह रहे हैं.


‘जहां बीमारी होगी वहां डॉक्टर नहीं जाएगा तो कौन जाएगा’
नन्नू ने बताया कि वह शुरू से गुरुजी के साथ रहे, एक बार गुरुजी शंभू सिंह कौशिक कंजर बस्ती छबडा आए तो उन्होंने कहा इस बस्ती में चलो, सभी ने कहा कि गुरुजी यहां तो लोग मार देंगे, लोग हत्या कर देंगे, यहां के लोग तो अपराधी है, लेकिन गुरुजी ने कहा जहां बीमारी है वहां डॉक्टर नहीं जाएगा तो कौन जाएगा.


गुरुजी वहां गए और वहां खाना खाने से पहले उन्होंने वचन लिया कि अपराध छोड दोगे, उसके बाद एक-एक कर सभी ने अपराध छोड दिया, अब बच्चे स्कूल जा रहे हैं, पढाई कर रहे हैं, अच्छे संस्कार ले रहे हैं और युवाओं का जीवन बेहतर हो रहा है. नन्नू ने बताया कि छबडा की शंकर बस्ती में शंकर भगवान का मंदिर बनाया जा रहा है जिसमें लोग अपनी आय का कुछ प्रतिशत यहां दान कर रहे हैं जिससे मंदिर का निर्माण हो रहा है.


दर्जनों मंदिरों में बंद करवाई पशु बली
कोटा संभाग में सैकडों ऐसे मंदिर थे जहां पशु बली होती थी, लेकिन जहां-जहां भी शंभू सिंह कौशिक महाराज गए वहां उन्होंने मंदिरों में समझाया, लोगों को यज्ञ से जोड़ा, गायत्री मंत्र का ज्ञान कराया और धीरे-धीर कोटा संभाग के अधिकांश मंदिर जहां धर्म के नाम पर पशु बली दी जाती थी उसे बंद करवाया है.


अब कोटा के किसी भी मंदिर पर पशु बली नहीं होती यह शंभू सिंह कौशिक महाराज की ही देन है. आज कोटा में पुराने समय के डकैत, चोर, हत्यारे, लुटेरे, मांस मंदिरा का सेवन करने वाले, अपराध की दुनिया में लिप्त रहने वाले आए हैं जो अपना अपराध छोडकर हवन पूजन कर रहे हैं.


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