'हालत इतनी खराब तो टोल टैक्स क्यों दें लोग?'जयपुर-दिल्ली हाईवे का जिक्र कर बोले हनुमान बेनीवाल
Jaipur Delhi Highway Toll Tax: राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्र से पूछा था कि क्या दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर इकट्ठा किया गया टोल टैक्स निर्माण लागत से काफी अधिक है?

Hanuman Beniwal On Toll Tax: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के माध्यम से जयपुर-दिल्ली हाईवे पर चलने वाली गाड़ियों से टोल टैक्स के रूप में 11,945 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. मंत्रालय राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से पूछे गए एक संसदीय प्रश्न के उत्तर में ये बात सामने आई है.
बेनीवाल ने पूछा था कि क्या दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर इकट्ठा किया गया टोल टैक्स निर्माण लागत से काफी अधिक है? उन्होंने ये भी कहा था कि अगर ऐसा है, तो मंत्रालय को जमा किए गए टोल टैक्स और उस हाईवे की निर्माण लागत का ब्यौरा उपलब्ध कराना चाहिए.
सांसद हनुमान बेनीवाल का टोल टैक्स को लेकर सवाल
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सांसद हनुमान बेनीवाल ने पूछा था कि क्या महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में राजस्थान की तुलना में अधिक नेशनल हाईवे होने के बावजूद, राजस्थान में टोल टैक्स संग्रह इन दोनों राज्यों की तुलना में अधिक है और अगर ऐसा है, तो इसके क्या कारण हैं? क्या सरकार को पता है कि टोल टैक्स संग्रह के बावजूद, राजस्थान में कई नेशनल हाईवे खराब स्थिति में हैं तो ऐसी सड़कों पर टोल टैक्स लेने का औचित्य क्या है?
केंद्र सरकार ने क्या जवाब दिया?
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से जवाब दिया गया, ''गुड़गांव से कोटपूतली जयपुर तक बने हाईवे की लागत 6430 करोड़ रुपए है और अब तक 9218.30 करोड़ रुपए की वसूली की गई है. दिल्ली-गुड़गांव तक के हाईवे की लागत 2489.45 करोड़ रुपए है जबकि टोल वसूली 2727.50 करोड़ रुपए की हुई.''
मंत्रालय ने ये भी कहा कि निर्माण लागत में रखरखाव और अन्य दीर्घकालीन लागतें शामिल हैं. हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि टोल संग्रह शुरू होने से लेकर अब तक जमा यूजर्स शुल्क में छूट नहीं दी जाती है और इसलिए निर्माण लागत के साथ इसकी तुलना नहीं की जा सकती है.
SC की टिप्पणी का सरकार पर कोई असर नहीं- बेनीवाल
केंद्र सरकार के जवाब पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, "सड़क निर्माण की लागत से ज्यादा टोल वसूलने के बावजूद नेशनल हाईवे की हालत खस्ता बनी हुई है. जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कह दिया है कि सड़कें खराब हैं, तो यात्री टोल क्यों दें? और आम आदमी को इसका खामियाजा क्यों भुगतना पड़े? सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का सरकार पर कोई असर नहीं हुआ है.''
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