Hanuman Beniwal on Women Reservation Bill: नई संसद में महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद से राजनीतिक उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है. इसी कड़ी में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा है, 'आज लोक सभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया गया. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी महिला आरक्षण की पक्षधर है. हालांकि, आज लाए गए विधेयक में जो प्रावधान किए गए उसे पढ़ने के बाद यह जाहिर हो रहा है कि सरकार 2024 के आम चुनाव में इस विधेयक को प्रभावी नहीं कर पाएगी.


हनुमान बेनीवाल का कहना है कि यह अधिनियम लाने के बाद पहली पहली जनगणना के आंकड़ों और परिसीमन कार्य पूरा होने के बाद ही यह प्रभावी होगा. इससे यह जाहिर है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सरकार इस विधेयक को प्रभावी नहीं कर पाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरकार केवल आने वाले चुनावों में दिखावे के लिए और सेना में अग्निपथ, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोजगारी जैसे देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए महिला आरक्षण से जुड़ा यह बिल लेकर आ रही है.


'9 साल बाद क्यों आई महिला आरक्षण की याद?'
उन्होंने आगे कहा, 'आगामी महीनों में राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के आम चुनाव में महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक लागू होना चाहिए. 2014 में एनडीए की सरकार बनी और 2023 भी अब समाप्ति की और जा रहा है. ऐसे में 9 वर्षों से अधिक समय के कार्यकाल में मोदी सरकार को महिला आरक्षण से जुड़े बिल की याद क्यों नहीं आई?'


'कई सरकारों के प्रयासों का श्रेय लेने की कोशिश में BJP'
नागौर सांसद ने कहा, 'इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद भी यह देश के आम चुनाव में लागू नहीं हो पाएगा, जो सरकार की मंशा और नीति पर बड़ा सवालिया निशान है. जबकि प्रधानमंत्री और एनडीए के नेता अभी से श्रेय लेने की होड़ में लग गए, जबकि इस बिल को लाने के लिए पूर्व में कई सरकारों द्वारा प्रयास भी किए गए. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी महिला आरक्षण की पक्षधर है और सर्वदलीय बैठक में मैंने महिला आरक्षण से संबंधित बिल लाने की पुरजोर पैरवी भी की थी.'


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