नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. खींवसर से विधानसभा चुनाव जीते थे. इस बार इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े और सांसद बने. आज विधानसभा में स्पीकर वासुदेव देवनानी को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा. मीडिया से बाचतीत में उन्होंने कहा कि वो विधानसभा को मिस करेंगे. उनके द्वारा खाली की गई खींवसर सीट पर अब विधानसभा का उपचुनाव होगा.


सोशल मीडिया पर किया पोस्ट


हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "नागौर लोक सभा से सांसद निर्वाचित होने के बाद आज राजस्थान विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया."


ज्योति मिर्धा को दी शिकस्त


हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को 40 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी. हनुमान बेनीवाल की पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन था.  नागौर लोकसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल का मुकाबला कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाली ज्योति मिर्धा से था. 


पिछली बार कांग्रेस से लड़ी थीं मिर्धा


लोकसभा चुनाव 2019 में हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. तब भी उन्होंने ज्योति मिर्धा को हराकर जीत दर्ज की थी. ज्योति मिर्धा उस समय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं.


बता दें कि लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर हनुमान बेनीवाल ने नाराजगी जाहिर की थी. हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को 11 सीट दिलाने में उनका बड़ा योगदान है. इसके बावजूद इंडिया गठबंधन की दो बैठकों में नजरअंदाज किया गया, जो कांग्रेस नेताओं की मानसिकता को दर्शाता है. अगर कांग्रेस में इतना ही दम होता तो दो लोकसभा चुनाव में एक भी सीट क्यों नहीं मिली थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के नेताओं को गलतफहमी हो गई है कि राजस्थान में कांग्रेस की लहर चल रही है. 


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