Hanuman Jayanti: जोधपुर के बालाजी मंदिर में होती है भक्तों की हर मनोकामना पूरी, जानें हनुमान जी ने क्यों लिया था पंचमुखी अवतार
Panchmukhi Hanuman Mandir: अहिरावण को वरदान था कि जब तक पांच दिशाओं में लगी ज्योति को एक साथ नहीं बुझाया जाएगा, तब तक उसका वध नहीं किया जा सकता. अहिरावण के वध के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार लिया.
Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जन्मोत्सव पर हम आपको एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां माथा टेकने भर से ही सभी भक्तों को संकटों से छुटकारा मिल जाता है. साथ ही, सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भगवान श्री हनुमान के प्रति भक्तों में विशेष आस्था देखने को मिलती है. कुछ इस तरह का नजारा जोधपुर के पंचमुखी बालाजी मंदिर में देखने को मिलता है. इस मंदिर में जोधपुर शहर के श्रद्धालु ही नहीं, दूरदराज से भी लोग हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
पुजारी संजय वैष्णव ने बताया कि पंचमुखी हनुमान मंदिर की बड़ी मान्यता है. भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को जब अहिरावण पाताल लोक ले गए थे, तब भगवान हनुमान उनकी खोज करते हुए पताल लोक पहुंचे थे. लेकिन, अहिरावण को देवी का वरदान था कि जब तक 5 दिशाओं में जल रही अखंड ज्योति को कोई एक साथ नहीं बुझाएगा, तब तक अहिरावण का वध नहीं हो सकता था. ऐसे में हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण कर पांचों दिशाओं की ज्योति एक साथ बुझाई और अहिरावण का वध किया.
40 दिन विधि विधान से होती है पूजा
पंचमुखी हनुमान मंदिर में आस्था का सैलाब रोजाना ही देखने को मिलता है, लेकिन खासतौर से मंगलवार और शनिवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ नजर आती है. हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है. इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में निरंतर 40 दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए दीपक जलाते हैं, उन पर किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता. हनुमान जी सभी कष्टों का निवारण करते हैं.
जोधपुर की संकड़ी गलियों से होकर गुजरता रास्ता भीतरी शहर के मेहरानगढ़ दुर्ग की तलहटी के पास बने पहाड़ी पर बना पंचमुखी हनुमान मंदिर मेहरानगढ़ के मां दुर्गा के चामुंडा मंदिर के ठीक नीचे स्थापित है. इस मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की एक बड़ी सी प्रतिमा जो कि प्रकट हुई थी, वो स्थापित है.
हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर परिसर की भव्य तैयारी
दक्षिण मुखी पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को सिद्ध पीठ का मंदिर माना जाता है. वहीं, हनुमान जन्मोत्सव को लेकर भी भव्य रूप से मंदिर के द्वारा तैयारियां की जा रही हैं, ताकि दूरदराज से जो भी श्रद्धालु आए उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत ना हो. आसानी से पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन किए जा सकें.
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