Happy Dussehra 2023: भारत विविधताओं से भरा देश है, यहां लोगों, परंपराओं और संस्कृतियों में विविधताओं की झलक साफ दिखाई देती है. ऐसे में त्योहारों में विविधता होना भी लाजमी है. दशहरे का पर्व भी भारत के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. ऐसा ही अनोखा तरीका रावण दहन का राजस्थान के कोटा में भी दिखाई देता है. यहां के रावण को आग के हवाले करने से पहले कंकड़ और पत्थर से मारा जाता है.
राजस्थान के कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेला का आगाज हो चुका है और रावण भी अपने कुनबे के साथ मैदान में आकर डट चुका है. इस बार रावण की लंबाई 75 फुट है और उसके साथ में खड़े मेघनाद और कुंभकरण के पुतले भी 50-50 फुट ऊंचे हैं. पुतले बनकर तैयार हैं तो लोग भी उन्हें देखने वहां पहुंचने लगे हैं. लोग रावण के पुतलों को कंकड़ और पत्थर भी मारने लगे हैं.
दहन से पहले क्यों मारते हैं रावण को पत्थर?
मंगलवार को दशहरे के मौके पर सुबह-सुबह ही यहां लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है और दूर दराज के गांवों से लोग कोटा पहुंच रहे हैं और रावण को देखने के साथ ही उसके ऊपर पत्थर मारने की अपनी परंपरा को निभा रहे है. ऐसा माना जाता है कि रावण को पत्थर मारने से पूरे साल बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है. दिनभर रावण को पत्थर मारने के बाद शाम को लक्ष्मी नारायण की सवारी गढ़ पैलेस से निकलकर रावण स्थल पर पहुंचती है. जहां पर राज परिवार के इज्यराज सिंह, रावण की नाभि में तीर मार कर इस परंपरा को निभाएंगे और इसके साथ ही रावण के पुतले का दहन किया जाएगा.
इस अनोखी परंपरा के बाद रावण दहन भी काफी गर्मजोशी से किया जाता है. हालांकि इस बार पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए ग्रीन रंगीन आतिशबाजी लगाई गई है और यह नजारा भी यहां पर बेहद ही आकर्षक रहने वाला है. शाम के समय लाखों की संख्या में लोग यहां पहुंचेंगे और इस रावण के अहंकार का अंत होते देखेंगे. इसके साथ ही मेला शुरू हो जाएगा जो दीपावली के एक दिन पहले तक चलेगा.