Independence Day 2023: आसमान में गूंजते जोशीले नारों और चारों ओर लहराते भारत की आन बान शान के प्रतीक तिरंगों के बीच कोटा में विशाल तिरंगा रैली निकाली गई. हजारों युवक दिल में देशभक्ति का जज्बा और हाथों में तिरंगा लिए विभिन्न मार्गों से गुजरे तो पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग गया. 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शिवकांत नन्दवाना की अगुवाई में 'मां तुझे सलाम' कार्यक्रम के तहत तिरंगा रैली का आयोजन किया गया. स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने रैली को हरी झंडी दिखाकर और आसमान में तिरंगे गुब्बारे उड़ाकर खुली जीप में सवार होकर धारीवाल भी रैली में साथ चले.


गूंजता रहा वंदे मातरम, भारत माता की जय-जयकार होती रही
रैली के दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता महावीर नगर चौराहा पर इकट्ठा हुए. सभी ने हाथों में तिरंगा थाम रखा था तो वन्दे मातरम और 'भारत माता की जय' के नारों से आसमान गूंजता रहा. सबसे आगे चल रहे रथ में भारत माता की झांकी को सवार किया गया था, जो शेरों की सवारी करते हुए प्रतीत हो रही थी. साथ ही महात्मा गांधी और क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की झांकियां भी सजी थी. महिलाएं मंगलगीत गाते हुए भारत माता की आरती कर रही थीं. जगह जगह स्वागत द्वार और पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया. विभिन्न स्थानों पर आतिशबाजी कर स्वतंत्रता दिवस का अभिनंदन किया गया.


मंदसौर और उज्जैन से आए विशेष बैंड रहे आकर्षण का केन्द्र
रैली को देख लोगों के मन में देशभक्ति के भाव उत्पन्न हुए तो बीच-बीच में ढोल और चार बैंडों पर युवकों की टोलियां थिरक रही थीं तो डीजे पर देशभक्ति फिल्मी गीतों से माहौल में देशभक्ति की बयार बह रही थी. मंदसौर और उज्जैन से आए विशेष बैंड आकर्षण का केन्द्र थे. मशक बैंड की धुन भी राष्ट्रवादी तराने गूंजा रही थी. कच्छी घोड़ी लोकनृत्य सांस्कृतिक छटा बिखेर रहा था.


'देश की आजादी में कांग्रेस ने दिया बलिदान'
रैली के समापन पर आयोजित जनसभा को कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की ओर से संबोधित किया गया. इस दौरान शांति कुमार धारीवाल ने कहा, "आजादी की लड़ाई में कांग्रेस का योगदान देश भुला नहीं सकता है. कांग्रेस के नेताओं के बलिदान के कारण आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं. कुछ लोग आजादी के वीरों की इस शहादत को नकारने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे कांग्रेस कार्यकर्ता को नाकाम करना होगा."


'एकता तोड़ने वालों से देश बचाना होगा' 
पीसीसी सचिव शिवकांत नन्दवाना ने कहा, "आजादी की लड़ाई में चन्द्रशेखर आजाद के साथ अशफाक उल्लाह खान का भी योगदान था. स्वतंत्रता दिवस सामाजिक एकता के साथ लड़ी गई उस लड़ाई का ही परिचायक है. राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले ताकतों से देश को बचाना होगा. हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया. उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म सहना ना पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके. आज भारत जितना भी उन्नत हुआ है हमारे सभी स्वतंत्रता सेनानियों के कारण ही हुआ है. उनके कारण ही हम आज स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ मना पा रहे हैं."


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