Hariyali Teej 2024 in Rajasthan: हरियाली तीज के मौके बुधवार (7 अगस्त) को पिंक सिटी जयपुर सहित राजस्थान भर में घर-घर आयोजन हुए. तीज के मौके पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी (Diya Kumari) ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई दी. उन्होंने कहा कि 'तीज महोत्सव राजस्थान की अनूठी पहचान है. बदलते समय के साथ हम नवाचार कर रहे है, जिससे न केवल पर्यटक आकर्षित हो बल्कि हमारी नई पीढ़ी भी त्योहार को मन से मनाएं.' 


इस बार मनाया गया तीज का उत्सव इसी का प्रतीक है कि बड़ी संख्या में जयपुर के लोगों ने और देशी-विदेशी पर्यटकों ने तीज माता की सवारी महोत्सव में सहभागिता की है. वहीं पर्यटन विभाग के द्वारा नवाचारों करते हुए इस बार विभागीय वेबसाइट और विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की गई है, जिससे बड़ी संख्या में दर्शकों ने घर बैठे ही लाइव प्रसारण देखकर तीज त्योहार का आनंद लिया है. 


सावन की रिमझिम फुहारों के बीच तीज की सवारी पूरे हर्ष उल्लास के साथ सिटी पैलेस से निकाली गई. इस बार शोभा यात्रा में आएसी और जैल बैंड प्रस्तुति दी. बता दें राजस्थान ही नहीं पूरे देश में तीज महोत्सव की धार्मिक मान्यता है और इसे पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है. ऐसे में लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए प्रवासियों को तीज महोत्सव से जोड़ने का राजस्थान पर्यटन विभाग का यह शानदार प्रयास रहा. 


रास्ते में लगे थे सेल्फी पॉइंटस्
पर्यटन विभाग की ओर से इस बार महोत्सव को और अधिक विस्तार दिया गया, जिसके आधार पर तीज की सवारी और सांस्कृतिक गतिविधियों को त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, अल्बर्ट हॉल और तालकटोरा पर एलईडी स्क्रीन्स लगाकर दिखाया गया. पर्यटन विभाग द्वारा इस बार अल्बर्ट हॉल, हवामहल, सिटी पैलेस आदि मुख्य पर्यटक स्थलों पर सेल्फी पॉइंटस् भी बनाए गए थे. इन पॉइंटस् के जरिए शहरवासी और देशी-विदेश पर्यटक तीज महोत्सव की यादों को संजो कर रखने के लिए सेल्फी लेते हुए नजर आए.


लोक कलाकारों ने बांधा समां
लोक कलाकारों ने जनानी ड्योढ़ी, छोटी चौपड़ और तालकटोरा मार्ग पर बनाए गए मंचों पर आकर्षक प्रस्तुतियां दी. इसे देखकर दर्शक भी खूब झूमे. ढ़ोल नंगाड़ों की गूंज से सभी मंत्रमुग्ध हो गए. वहीं इस दौरान लगातार हो रही रिमझिम बारिश से भी दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ. कलाकारों ने एक एक से बेहतरीन प्रस्तुतियां देकर पूरे माहौल को अद्भुत और भव्य बना दिया.

वहीं तीज की सवारी में शाही हाथी, सजे हुए ऊंट और उन पर सवार लंबी-लंबी मूंछ लहराते राजस्थानी वेशभूषा में पुरुष दिखे. इसके अलावा घोड़े, शान से सजी हुई पालकियां और देवी देवताओं का रूप धारण किए हुए कलाकारों ने सबका मन मोह लिया. कालबेलिया कलाकार, कच्छी घोड़ी, नर्तक, बैंड बाजों की स्वरलाहरियों के साथ लोक कलाकारों की मनोहारी प्रस्तुति और आतिशबाजी के आयोजन ने पूरे आयोजन को अद्वितीय बना दिया.


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