Bharatpur News: हरियाली तीज और रक्षाबंधन का त्यौहार बिना घेवर के अधूरा, राखी बांधकर बहनें खिलाती हैं घेवर की मिठाई
Rajasthan News: हरियाली तीज पर और रक्षाबंधन के दिन इस मिठाई का स्वाद और भी बढ़ जाता है, जिन युवकों की नई शादी होती है तो वह ससुराल जाते है तो घेवर जरूर लेकर जाते हैं.
हिन्दू धर्म में हरियाली तीज के त्यौहार का और रक्षाबंधन का बहुत महत्व है. हरियाली तीज का त्यौहार सुहागिन महिलाओं का माना गया है तो रक्षाबंधन भाई -बहन के प्यार का त्यौहार माना जाता है. हरियाली तीज और रक्षाबंधन के त्यौहार पर घेवर की मिठाई का भी अपना अलग ही महत्व माना जाता है.
राजस्थान के भरतपुर जिले में सावन का महीना लगते ही घेवर बनाने का काम शुरु हो जाता है. घेवर को सावन महीने की मिठाई माना जाता है बाजार में हलवाइयों की दुकान पर घेवर बनाते हुए कारीगर नजर आते है. बताया जाता है की घेवर का आविष्कार भी राजस्थान से हुआ है. राजस्थान के खानपान और मसालों का स्वाद जल्द ही भुलाया नहीं जा सकता है.
सावन के महीने में हलवाई घेवर तैयार करते है और घेवर को कई तरह से बनाकर उसमे बदलाव करते है. बाजार में अलग-अलग साइज और क़्वालिटी का घेवर देखने को मिलता है. घेवर की मिठाई की ख़ास बात यह है की यह एक महीने तक भी खराब नहीं होती है. हलवाई घेवर की मिठाई को एक महीने पहले ही बनाने लग जाते है और रक्षाबंधन वाले दिन उनके द्वारा बनाई गई सारी घेवर की मिठाई ख़त्म हो जाती है.
हरियाली तीज पर और रक्षाबंधन के दिन इस मिठाई का स्वाद और भी बढ़ जाता है, जिन युवकों की नई शादी होती है तो वह ससुराल जाते है तो घेवर जरूर लेकर जाते है रक्षाबंधन पर बहिने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर घेवर से ही उनका मुँह मीठा कराती है. इसलिये रक्षाबंधन पर घेवर की अधिक मांग रहती है. सावन के महीने में बहन बेटियों को सिंजारा भेजने की पुरानी परम्परा है सिंजारा में तरह तरह की मिठाइयां भेजी जाती है लेकिन जबतक घेवर न हो तो सिंजारा अधूरा सा लगता है.
क्या कहना है कारीगर का
घेवर बनाने वाले कारीगर छोटे हलवाई ने बताया है की घेवर को मैदा,घी दूध क एस्तेमाल कर बनाया जाता है. इसे इस प्रकार तैयार किया जाता है की मधुमक्शी के छते का आकार ले लेता है. छोटे हलवाई का कहना है की घेवर बनाने में जितना काम सामान का प्रयोग होता है घेवर को बनाना उतना ही कठिन है.घेवर बनाने का तरीका ही अलग होता है.
घेवर को दूध की मलाई लगाकर और भी स्वादिष्ट बनाया जाता है. घेवर के ऊपर मावा तथा ड्राईफूड्स लगाकर जब तैयार करते है तो देखने वाले घेवर खाने से अपने आप को रोक नहीं पाते है.
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