Rajasthan News: उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजस्थान के भरतपुर जिले से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु गए थे. भोले बाबा का सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़ में डीग जिले की एक महिला की भी मौत हो गई है. साथ ही भरतपुर की एक महिला घायल हुई है. 


हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए डीग जिले के साबौरा गांव की रहने वाली महिला राजेंद्री की सत्संग में के बाद मची भगदड़ में मौत हो गई. मृतका राजेंद्री की उम्र लगभग 50 साल बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि गांव की कई महिलाओं ने आपस में पैसा इकठ्ठा कर नदबई से गाड़ी बुक कर सोमवार शाम हाथरस गई थीं. मृतका राजेंद्री के पति प्रसादी मजदूरी करते हैं.


भरतपुर से गई थी कई महिलाएं
वहीं भरतपुर के मलाह गांव की रहने वाली रानी और गोलपुर अगाव की रहने वाली प्रेमवती घायल हो गई हैं. दोनों घायल महिलाएं अपने घर पहुंच गई हैं. बताया जा रहा है कि डीग जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र के साबौरा और ऐंचेरा गांव से लगभग 15-20 महिलाएं भोले बाबा के सत्संग में हाथरस गई थी. सभी महिलाओं ने गाड़ी बुक कर सत्संग कार्यक्रम में गईं थी.  


सत्संग में पहुंचे लोगों ने क्या कहा?
सत्संग में शामिल होने गए विजेंद्र निवासी कुम्हा ने बताया कि "मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम" के नाम से एक कमेटी है. उसके द्वारा हमें पता चलता है कि भोले बाबा का सत्संग कहां है. सत्संग का समय सुबह 10 बजे से 2 बजे तक था. भरतपुर से शामिल होने वाले लोग सुबह करीब 6 बजे हाथरस के लिए रवाना हुए थे. इसके बाद 10 बजे से सत्संग शुरू हो गया था. 


उन्होंने बताया कि सत्संग में लाखों की संख्या में भीड़ मौजूद थी. वहीं दो बजे जब सत्संग खत्म हुआ और हम लोग अपनी बस में बैठकर भरतपुर के लिए रवाना हो गए. इसी दौरान हमें पता चला कि जहां सत्संग हो रहा था वहां कोई हादसा हो गया, जिसमें कई मौतें हो गई और कई महिलाएं और बच्चे घायल हैं. हमने हाथरस की कमेटी से संपर्क किया, जिसके बाद हम भरतपुर के बाकी लोगों की तलाश में हाथरस पहुंचे. यहां हमें पता चला कि मलाह गांव की एक महिला रानी (40) और उसके बेटी ज्योति (16) भी सत्संग में आईं थी, जो घायल हैं और एटा अस्पताल में भर्ती हैं.


वहीं हादसे के दौरान पांडाल में मौजूद सुल्तान सिंह ने बताया कि मैं हादसे के दौरान सत्संग स्थल पर मौजूद था. भोले बाबा निकल कर चले गए थे. उसके बाद कुछ महिलाओं में सड़क को छूने की होड़ मच गई. वहीं पास में कीचड़ भी था जिसमें महिलाएं गिर गईं. पांडाल के पास दलदल था उसमें भी महिलाएं और बच्चे गिर गए. सत्संग में करीब एक लाख के करीब लोग मौजूद थे. 




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