Social Media Stroy: राजस्थान के भरतपुर जिले में संचालित अपना घर आश्रम में हजारों की संख्या में अनाथ दीन-दुखी ,मंदबुद्धि ,महिला-पुरुष और बच्चे रहते हैं. इनके रहने-खाने की व्यवस्था आश्रम की ओर से की जाती है.इसके साथ ही आश्रम कई बिछुड़े हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने का भी काम करता है. बुधवार को भी आश्रम में एक भाई-बहन तीन साल से अपनी बिछड़ी अपनी मां से मिले. 


मां को लेने कहां से आए थे भाई-बहन


उत्तर प्रदेश के झांसी  जिले के मऊरानीपुर कस्बे की निवासी तनु और उसका भाई अपना घर आश्रम पहुंचे.दोनों तीन साल से बिछुड़ी अपनी मूक-बधिर मां से मिलकर भावुक हो गए. कहा आज नवरात्रि की अष्टमी है, आज माता की विशेष पूजा होती है और मां का आशीर्वाद मिलता है. आज हमे देवी मां के आशीर्वाद और मां की कृपा से अपनी मां मिल गई है.    


बताया गया है कि झाँसी जिले के मऊरानीपुर के रहने वाले तनु और हेमंत के  पिता का देहांत हो गया था. माँ मूक-बधिर थी. उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ा हुआ था. मानसिक संतुलन बिगने से उनकी मां घर से निकल गईं. मूक-बधिर होने की वजह से वो किसी को भी अपने बारे में  कुछ भी बता नहीं सकती थीं. पिता की मृत्यु और मां के अचानक गायब हो जाने से दोनों भाई बहन के जीवन में अंधकार सा छा गया. लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था.


कैसे मिली हेमंत और तनु का मां


दोनों बहन भाइयों को उम्मीद थी की उनकी मां उन्हें मिलेगी. कई दिनों तक दोनों ने अपनी मां की खोजबीन की लेकिन कहीं भी उसका पता नहीं चला. बेटी तनु ने बताया कि वह विभिन्न माध्यमों से अपनी मां की खोज में लगी रहती थी. तनु ने अपनी मां को सोशल मीडिया के सहारे भी खोजती रहती थी. तनु ने एक दिन फेसबुक पर अपना घर आश्रम का मिसिंग लोगों का पेज देख रही थी. वहां पर आश्रम में रहने वाले सभी महिला पुरुषों की फोटो लगी हुई थी.इसमें उसने अपनी मां की फोटो देखी. उस पेस से फोन नंबर लेकर उसने अपना घर आश्रम में बात की. वहां उसकी मां के वहां होने की जानकाी मिली. 


अपना घर आश्रम से जानकारी मिली कि 24 फरवरी 2020 को मध्य प्रदेश के डबरा जिले के अपना घर आश्रम को कैलाश सर्राफ की सूचना पर तनु की माँ कुंती उर्फ चुनिया को अग्रसेन चौराहा से रेस्क्यू कर अपना घर आश्रम भरतपुर में भर्ती किया गया था. इसके बाद कुंती का उपचार और सेवा शुरू कर दी गई. मूक-बधिर होने के कारण वो अपने घर और परिजनों का नाम पता बताने में असमर्थ थीं. इसलिए यह उसी समय से वो अपना घर आश्रम में रह रही थीं.


हेमंत और तनु बुधवार को अपना घर आश्रम पहुंचे. वहां अपनी मां को सकुशल पाकर दोनों बहुत खुश हुए. मां को देखकर दोनों की आंखों में आंसू छलक आए. उन्होंने कहा की आज हम कितने खुश है इसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.  


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