Rajasthan High Court: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के कथित 954 करोड़ रुपए गबन मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी को स्वीकार कर लिया है. पूर्व में जारी आदेश को संशोधित करने की अर्जी के जरिए मांग की गई है. सरकारी वकील ने मामले में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से इंकार किया था. हालांकि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी. शेखावत की याचिका पर शुक्रवार को कुलदीप माथुर की बेंच ने सुनवाई की. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, सिद्धार्थ लूथरा, अनिल जोशी और शक्ति सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिर हुए.
सरकार की अर्जी को हाईकोर्ट ने किया मंजूर
शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा 13 अप्रैल को मामले की सुनवाई के दौरान पेश हुए थे. अब राज्य सरकार की ओर से पेश अर्जी में बताया गया है कि गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान की एसओजी, एटीएस की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में एक आरोपी हैं. त्रुटि का एहसास होने पर सुधार के लिए वकील कोर्ट पहुंचे थे. तब तक अदालत की कार्यवाही खत्म हो चुकी थी. इसलिए तथ्य को स्पष्ट नहीं किया जा सका. बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के करीब 954 करोड़ रुपए घोटाले का आरोप है. घोटाले के बाद बड़ी संख्या में निवेशकों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई अटक गई है.
शेखवात की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी
अगस्त, 2019 में एसओजी ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ घोटाले का मामला दर्ज किया. एसओजी अब तक सोसायटी के बोर्ड से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. मुख्य आरोपी विक्रम सिंह समेत कई लोग जेल में बंद हैं. गबन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी शामिल बताया जा रहा है. एसओजी ने केंद्रीय मंत्री के करीबी सीए और कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक तौर पर गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी बता चुके हैं. केंद्रीय कैबिनेट में बने रहने पर उन्होंने पीएम मोदी पर भी सवाल उठाए थे. दिल्ली हाईकोर्ट सीएम गहलोत के खिलाफ मानहानि केस पर सुनवाई कर रही है.
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