Rajasthan News: बिना वकील हाइकोर्ट से मकराना के पूर्व विधायक को रेप के मामले में मिली जमानत, सजा भी सस्पेंड
Jodhpur News: वकीलों की हड़ताल की वजह से अदालत में भंवर लाल राजपुरोहित की पैरवी उनके बेटे दीपेंद्र सिंह राजपुरोहित और पुत्री जमाई मधुसूदन सिंह राजपुरोहित ने पैरवी की.
![Rajasthan News: बिना वकील हाइकोर्ट से मकराना के पूर्व विधायक को रेप के मामले में मिली जमानत, सजा भी सस्पेंड High Court granted bail to 86 year old former BJP MLA Bhanwarlal Rajpurohit convicted of rape Rajasthan News: बिना वकील हाइकोर्ट से मकराना के पूर्व विधायक को रेप के मामले में मिली जमानत, सजा भी सस्पेंड](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/03/38aa7f2be6459f5b36c98dc7b12d561e1677822482888271_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
High Court News: राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर की पीठ ने गुरुवार को मकराना के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित से जुड़े मामले की सुनवाई के बाद बड़ी राहत दे दी. मकराना से बीजेपी के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को 20 साल पुराने बलात्कार के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी.उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. मकराना एडीजे कोर्ट के फैसले के विरुद्ध भंवर लाल राजपुरोहित हाईकोर्ट पहुंचे थे.अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए सजा को स्थगित कर दिया है. यह सुनवाई ऐसे समय पर हुई जब प्रदेशभर में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर हड़ताल पर है.
बेटे और जमाई ने की पैरवी
राजस्थान हाई कोर्ट मैं गुरुवार को न्यायधीश फरजंद अली ने मामले की सुनवाई के बाद पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को जमानत दे दी. अदालत ने सजा को भी सस्पेंड कर दिया. अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए. भंवर लाल राजपुरोहित की ओर से उनके बेटे दीपेंद्र सिंह राजपुरोहित और पुत्री जमाई मधुसूदन सिंह राजपुरोहित ने पैरवी की. दोनों ने न्यायालय मैं तर्क दिया कि पीड़िता ने सात महीने बाद मामला दर्ज करवाया था. उन्होंने बताया कि पूर्व में इस मामले में पुलिस के उच्च अधिकारियों ने जांच की थी. पुलिस ने एफआर लगाई थी. उन्होंने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया. सुनवाई के दौरान पीड़िता और उसकी मां भी मौजूद थी. दोनों ओर से तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश फरजंद अली ने अपना फैसला सुनाया.
यह मामला 2002 का है. उस समय एक महिला ने भंवरलाल राजपुरोहित के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था. इस मामले में मकराना एडीजे कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई. अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. यह राशि पीड़िता को दी जानी थी. इस दौरान 86 साल के पूर्व विधायक भी व्हीलचेयर पर कोर्ट में मौजूद थे. मकराना एडीजे कोर्ट के फैसला सुनाने के बाद पुलिस ने पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर लिया था. मेडिकल जांच के बाद उन्हें परबतसर जेल में भेजा गया।
किसने और कब दर्ज कराया था केस
मकराना थाना इलाके के मनाना गांव की रहने वाली महिला ने भंवरलाल राजपुरोहित के खिलाफ 1 मई 2002 को बलात्कार का केस दर्ज करवाया था. पुलिस पहले मामला दर्ज नहीं कर रही थी, इस पर कोर्ट में इस्तगासा के जरिए मामला दर्ज करवाया गया था. वारदात के वक्त पूर्व विधायक की उम्र 66 साल और महिला की उम 22 साल थी. अब भंवरलाल 86 साल के हो चुके हैं, जबकि पीड़िता की उम्र 43 साल हो चुकी है.
अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि 29 अप्रैल 2002 को वह दोपहर करीब 3 बजे भंवर लाल के कुंए पर गई थी. वहां भवरलाल ने उसे कमरें में बुलाया और उसके साथ रेप किया. उस समय भवर लाल की पत्नी घर पर नहीं थीं.
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