Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) की याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश प्रवीर भटनागर के न्यायलय में सुनवाई होगी. बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े कथित 900 करोड़ के घोटाले में आरोप लगने के बाद शेखावत ने यह याचिका पेश की है. शेखावत ने एसओजी में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के साथ-साथ एफआईआर निरस्त करने और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. उन्होंने मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटी होने से सभी मामले सीबीआई (CBI) को सुपुर्द कर जॉच कराने की मांग की है.


किस अदालत में होगी सुनवाई


राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रवीर भटनागर की अदालत में सुनवाई होनी है. इस मामले में दोनों ही पक्ष के सीनियर अधिवक्ता दिल्ली से पहुंचेंगे. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सीनियर अधिवक्ता महेश जेठमलानी और राज्य सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा,सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी करेंगे. मंगलवार को हाईकोर्ट में इस मामले पर साढे तीन बजे सुनवाई होनी है. 


संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों से 900 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का घोटाला बताया जा रहा है. इसमे हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई फंस गई है.सीएम अशोक गहलोत खुद शेखावत पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं. इस पर शेखावत ने अशोक गहलोत के विरुद्ध मानहानि का केस दर्ज कराया है. गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि मुझे इसके लिए जेल भी जाना पड़ा तो भी मैं उसके लिए भी तैयार हैं. लेकिन गरीबों की जीवन भर की कमाई दिलाने के लिए हर प्रयास करूंगा.


एसओजी ने बाड़मेर जालौर जोधपुर सहित अन्य जिलों में निवेशकों के पुलिसथाना वार प्रतिदिन एफआईआर दर्ज हो रही है. अभी तक 160 के करीब एफआईआर दर्ज हो चुकी है.निवेशक पुलिस थाने पहुंचकर अपने बयान दर्ज करवा रहे हैं.


गजेंद्र सिंह शेखावत की दलील क्या है


शेखावत की ओर से उनके अधिवक्ता ने राजस्थान हाईकोर्ट में आपराधिक विविध याचिका पेश की थी. इसमें मांग की गई थी कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी राजस्थान और गुजरात दोनों राज्यों में हैं, इसलिए इस मामले को सीबीआई को रेफर किया जाए और एसओजी की एफआईआर निरस्त की जाए. संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी घोटाले से जुड़े मामले राजस्थान और गुजरात दोनों ही राज्यों में दर्ज किए गए हैं. गुजरात के मामले पहले ही सीबीआई को भेज दिए गए हैं.अब राजस्थान के मामले भी सीबीआई को रेफर करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. इसी पर आज सुनवाई होनी है.


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