Himachal Pradesh Election: राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व टोंक विधायक सचिन पायलट (Sachin Pilot) की उत्तर प्रदेश (UP) के बाद एक बार फिर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में अग्निपरीक्षा होगी. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही हिमाचल में पर्यवेक्षक नियुक्त पायलट की भूमिका अहम हो गई क्योकि कांग्रेस हिमाचल के नाराज गुर्जर वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए दाव चल रही है. देखना यह हैं कि पायलट कांग्रेस की हिमाचल की सत्ता के दरवाजे तक सेफ लैंडिंग करवाने में कामयाब होते है या नही ? वहीं हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर ओपिनियन पोल के सर्वे की रिपोर्ट भी सामने आई है, उन सर्वे के अनुसार हिमाचल में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी. हालांकि, हिमाचल चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी अपना-अपना जोर लगा रही है.
पायलट के लिए बड़ी चुनौती
राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व टोंक विधायक सचिन पायलट की हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक की भूमिका में अग्निपरीक्षा होगी. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही हिमाचल प्रदेश में पर्यवेक्षक नियुक्त सचिन पायलट की भूमिका अहम हो गई है. पायलट के सामने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य को जीतना बड़ी चुनौती है. पायलट को कुशल नेतृत्व करना है ताकि उनका मुख्यमंत्री पद का दावा मजबूत हो सके.
उत्तर प्रदेश में भी थे स्टार प्रचारक
वहीं करीब तीन महीने पहले कांग्रेस आलाकमान ने सीएम भूपेश बघेल, प्रताप सिंह बाजवा के साथ सचिन पायलट को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पायलट हिमाचल चुनाव में सचिन पायलट की रणनीति और परफॉर्मेंस पर सबकी निगाह रहेगी. सचिन पायलट के समर्थक राजस्थान को लेकर हमेशा दावा करते है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पायलट के कारण बनी है. उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाये जाने के कारण लोकसभा में राजस्थान कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई. सचिन पायलट को उत्तर प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी के साथ स्टार प्रचारक बनाया गया था और उन्होंने रैली भी की थी.
गुर्जर वोटरों को पक्ष में लाने की कोशिश
हिमाचल प्रदेश के गुर्जर वोटरों में पायलट सेंध लगा सकते हैं. हिमाचल के गुर्जर मोदी सरकार से इसलिए नाराज है क्योंकि मोदी सरकार ने एसटी में अन्य जातियों को भी शामिल कर लिया. सचिन पायलट गुर्जर वोटर्स की नाराजगी को कांग्रेस के पक्ष में भुना सकते हैं. पायलट को चुनावों में पहले भी स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिलती रही है. इस बार पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी देकर उनके समर्थकों को मैसेज दिया गया है. हाल ही सचिन पायलट ने कहा था कि कहा था कि गर्दन नीची करके पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. अब सचिन पायलट को भूपेश बघेल के साथ हिमाचल की जिम्मेदारी दी है. गहलोत और पायलट को विधानसभा चुनावों में जिम्मेदारी देने को सियासी संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा गया.