Kota News: हिन्द मजदूर सभा (Hind Mazdoor Sabha) के राष्ट्रीय महामंत्री कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्धु (Harbhajan Singh Sidhu) कोटा (Kota) आए. उन्होंने श्रम विरोधी नीतियों के लिए केन्द्र सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार अडानी और अम्बानी को लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिकों का शोषण कर रही है. जो अडानी घाटे में चल रहे थे वो अब प्रमुख उद्योगपति की श्रेणी में आ गए. 


उन्होंने कहा कि श्रम संगठनों के लिए भी ऐसे नियम कायदे बना दिए की कोई अब श्रम संगठन नहीं बना सकता. बनाता है तो उसके अधिकार मालिक के पास दे दिए. सिद्धु ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा  "पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए हिन्द मजदूर सभा के नेतृत्व में देश व्यापी आन्दोलन प्रारंभ हो  चुका है. केन्द्र सरकार को पुरानी पेंशन लागू करनी ही होगी. अन्यथा देश का मजदूर वर्ग सरकार को उखाड़ फैकने का संकल्प ले चुका है. हरभजन सिंह ने कहा कि महिला मजदूर शक्ति का सदैव हमारे संगठन में सम्मान किया गया है. महिला श्रमिकों की समस्याओं को बहुत बेहतर तरीके से हल करने की दिशा में प्रयास किए गए हैं."


'85 फीसदी वर्कर श्रम कानून से बाहर हो गए'
सिद्धु ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे नियम बना दिए गए हैं. जिससे मालिक को फायदा हो रहा है. वर्तमान में 85 फीसदी वर्कर श्रम कानून के दायरे से बाहर हो गए हैं. 40 कर्मचारियों की फेक्ट्री में कोई निरीक्षण नहीं किया जा सकता. 300 वर्करों की फेक्ट्री को आप कभी भी बंद कर सकते हो. इसके साथ ही जहां ज्यादा मजदूर हैं, वहां चार ठेकेदार को काम देकर मजदूरों के हित पर कुठाराघात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएफ के पैसे का दुरूपयोग किया जा रहा है. मजदूरों को उनके बुनियादी अधिकार मिलने चाहिए. 


9 अगस्त को सरकार से वार्ता
उन्होंने कहा "मजदूरों के हित के लिए देशभर के संगठन एक मंच पर आ गए हैं. ऐसे में 9 अगस्त को सरकार से वार्ता होगी. इसमें मजदूरों की मांगों को रखा जाएगा. यदि सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज किया तो उसके बाद सर्वसम्मति से हड़ताल की जाएगी." वहीं हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय सचिव मुकेश गालव ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिला श्रमिकों को दी सभी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए हिन्द मजदूर सभा सतत प्रयत्नशील है.


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