Mehandipur Balaji: राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का क्या है इतिहास, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य और धार्मिक मान्यताएं
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले मे स्थित है. यहां भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मकक बुराइयों से बचने के लिए देश भर से लोग आते हैं.
Mehandipur Balaji Rajasthan: भारत में अलग अलग धर्म और सभ्यताओं के लोग रहते हैं. यहां अलग-अलग संस्कृति के लोग आपस में प्यार से रहते हैं. भारत अपने इसी खूबसूरती के लिए पूरे दुनिया में जाना भी जाता है. यहां अलग अलग धर्म के कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं जो अपनी मान्यताओं के लिए मशहू हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बार में बताने जा रहे हैं जो लोगों के धारणाओ के कारण देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. इस मंदिर का नाम है मेंहदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji) यह राजस्थान में है. आइए आपको बताते हैं इससे जुड़ी रोचक तथ्य.
मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य
राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी मंदिर दौसा जिले मे स्थित है. यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है. मान्यता के अनुसार इस मंदिर को काफी कल्याणकारी माना गया है. कहते हैं कि भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मकक बुराइयों से बचने के लिए प्रेतराज सरकार के दरबार में हर रोज 2 बजे कीर्तन होता है. यहां पर भैरवबाबा की मूर्ति है. जहां जाकर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है. वहीं मेंहदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले सभी लोगों को एक सप्ताह तक अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है. ये नियम यहां के सभी भक्तों के लिए होता है.
मंदिर का इतिहास
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के इतिहास से जुड़ी एक कहानी काफी प्रचलित है. इस मंदिर में तीन देवता लगभग 1 हजार साल से विराजमान हैं. माना जाता है कि अरावली पहाड़ियों के बीच हनुमान भगवान की मूर्ति अपने आप बनी हुई है. इसे किसी भी कलाकार ने नहीं बनाया है. वहीं कहा यह भी जाता है कि इस मंदिर के पुराने महंत को सपना आया था सपने में उन्होंने तीनों देवताओं को देखा था. इसे ही बालाजी मंदिर के निर्माण होने का संकेत माना जाता है. इसके बाद ही इस मंदिर का निर्माण हुआ था.
यह भी पढ़ें:
Rajasthan: राजस्थान में आज तीन घंटे तक नहीं मिलेगा पंट्रोल और डीजल, जानिए टाइमिंग और वजह