Jodhpur Politics: नेताओं के होली और चैत्र नवरात्रा की शुभकामनाओं वाले होर्डिंग की भरमार, कैसा है सूरसागर विधासभा क्षेत्र का हाल
Rajasthan News: सूरसागर विधानसभा जोधपुर शहर में आने वाली तीन विधानसभा सीटों में से एक है. परिसीमन के बाद कांग्रेस यहां से मुस्लिम को टिकट दे रही है. उससे पहले सूरसागर रिजर्व सीट रही थी.
Jodhpur News: राजस्थान के लिए यह चुनावी साल है. इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) कराए जाएंगे. उससे पहले ही जोधपुर चुनावी रंगत में रंगने लगा है. टिकट के दावे और उम्मीदवारी करने वालों का सक्रिय होने लगे हैं. ये दावेदार होली और चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2023) की शुभकामनाओं के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. शहर में लगे होर्डिंग्स और सोशल मीडिया पर ये रंगत दिखने को मिल रही है.पार्टियां जातिगत गणित के साथ ही मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं. जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट (Soorsagar Assembly Seats) ब्राह्मण-मुस्लिम बहुल है. हमेशा की तरह इस बार कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता उम्मीदों के पंख लगाकर उड़ना भरने की तैयारी में हैं.
किस नेता के होर्डिंग की है चर्चा
होली की शुभकामनाओं के होर्डिंग बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने लगाए हैं. कांग्रेस नेता डॉ.अजय त्रिवेदी ने होली की शुभकामनाओं के होर्डिंग लगाए हैं. इस पर उनकी और उनके समर्थकों की फोटो है. वैसे तो इन होर्डिंग्स में टिकट के दावे को या किसी विधानसभा को इंगित नहीं किया गया है. लेकिन सभी होर्डिंग्स सूरसागर विधासभा क्षेत्र में लगाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है.
सूरसागर विधानसभा जोधपुर शहर में आने वाली तीन विधानसभा सीटों में से एक है. साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद से कांग्रेस यहां परंपरागत रूप से मुस्लिम को टिकट देती रही है.परिसीमन से पूर्व अर्थात् 2003 और उससे पूर्व सूरसागर रिजर्व सीट रही है. जहां कांग्रेस के नरपत राम बरवड़ और बीजेपी के मोहन मेघवाल विधायक चुने गए थे.साल 2008 के परिसीमन से पूर्व मुस्लिम को फलोदी से टिकट दिया जता रहा. अब सूरसागर सीट को कांग्रेस ने एक तरह से मुस्लिम वर्ग के लिए आरक्षित कर रखी है.
सूरसागर विधानसभा क्षेत्र का हाल
राजनीतिक क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि कांग्रेस इस विधानसभा से यदि ब्राह्मण को टिकट देती है तो टक्कर कांटे की होगी. साथ में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस यहां परिवर्तन करके जिले भर के मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी को नहीं मोल लेगी. इसलिए बदलाव की संभावनाएं कम ही हैं.बहरहाल होली और चैत्र नवरात्रा की शुभकामनाओं के लगे होर्डिंग और पोस्टर की राजनीति से चुनावी चर्चाओं का आगाज अवश्य हो गया है.
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