Holi Celebration in India: भारत रीति रिवाजों और परंपराओं का देश है. त्योहार पर वर्षों पुरानी परंपरा आज भी उत्साह और उल्लास के साथ निभाई जाती है. राजस्थान के बांसवाड़ा में होली पर दो बच्चों की धार्मिक रीति-रिवाजों से शादी कराई जाती है. बड़ोदिया गांव में दूल्हा और दुल्हन दोनों लड़के होते हैं. दो बच्चों की आपस में शादी देखना रोमांचकारी होता है.


पुरखों की परंपरा को आज भी जीवित रखा गया है. निंबाहेड़ा दोहद राजमार्ग पर स्थित बड़ोदिया गांव में बड़ोदिया गांव में वर्षों पुरानी को देखा जा सकता है. गांव के प्रमुख की अगुवाई में युवाओं का समूह ऐसे दो गैर शादीशुदा बच्चों की तलाश शुरू करता है जिनका 'यज्ञोपवित संस्कार' ना हुआ है.


होली पर राजस्थान में निभाई जाती है अनूठी परंपरा


स्थानीय भाषा में युवाओं का समूह 'गेरिया' कहलाता है. गेरिया रात में ढोल की थाप पर नाचते और गाते गांव की सैर करता है. इस दौरान बच्चे गांव में पकड़े जाने के डर से बाहर नहीं निकलते हैं. पकड़े जाने पर लड़के को युवाओं का समूह शादी के मंडप लाता है. शादी का मंडप गांव के बीच लक्ष्मीनारायण मंदिर चौक पर पहले से सजा होता है. खोजबीन में पहले पकड़े गए बालक को दूल्हा और आखिरी में पकड़ा गया लड़का दुल्हन घोषित कर दिया जाता है. उसके बाद शादी की रस्में शुरू की जाती हैं.


धार्मिक रीति-रिवाजों से दो लड़कों की होती है शादी


पंडित मंडप में दोनों बच्चों को बिठाकर अग्नि के सात फेरे दिलवाता है. गेरिया शादी के गीत गाकर माहौल को खुशनुमा बनाते हैं. धार्मिक रीति-रिवाजों से शादी पूरी होने के बाद वर-वधू को बधाई दी जाती है. गांव के बुजुर्गों का मानना है कि इस तरह की शादी के आयोजन से परिवारों के बीच शांति और आती है. इस तरह वर्षों पुरानी परंपरा को जीवित रखकर गांव बुजुर्गों की विरासत को सहेजे हुए हैं. 


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