'मास्टरस्टोक' चलने की तैयारी में BJP? PM मोदी के राजस्थान दौरा के 5 सियासी मायनों से समझिए पूरी रणनीति
Rajasthan BJP: पीएम नरेंद्र मोदी अगर राजस्थान के दौरे पर ज्यादा रहेंगे तो बीजेपी (BJP) यह बताने और दिखाने में लगी रहेगी कि इस राज्य में केन्द्र सरकार द्वारा कितना काम किया जा रहा है.
Rajasthan assembly elections 2023: राजस्थान में भले ही विधानसभा चुनाव के लिए कुछ महीने ही बचे हों, लेकिन बीजेपी (Rajasthan BJP) पूरी तरह से चुनावी मूड में जा चुकी है. इसके लिए पूरी तैयारी भी दिख रही है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की दिख रही है. इस साल पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान आये.
अब सूत्र बता रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी दौसा भी आने वाले हैं. इसके पीछे जहां एक तरफ कई दावे किये जा रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस इसे चुनाव से जोड़कर देख रही है. बीजेपी इस बार अपनी नई रणनीति से चुनाव में उतरने की तैयारी में है. राज्य के नेता बड़ी भूमिका में नहीं दिख रहे. किसी को बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं दी जा रही है. सभी नाराज लोगों को मनाने की कोशिश भी जारी है. आइये जानते हैं वो पांच सियासी मायने जिनकी चर्चा हो रही है.
कोई नहीं होगा सीएम चेहरा
पिछले कई महीने से जो भी केंद्रीय नेता या मंत्री आता है वो इस बात पर जोर देकर चला जाता है कि यहां विधान सभा के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ही चेहरा होंगे. किसी भी दूसरे चेहरे की चर्चा तक नहीं होती. ऐसे में लोगों को समझ आने लगा है कि यहां पर क्या होने वाला है. अगर पीएम के ही चेहरे पर चुनाव लड़ना है तो उनके दौरे भी खूब होने चाहिए. उन तमाम लोगों को खुश भी करना है जिन्होंने 2019 के लोक सभा चुनाव में मोदी के नाम पर सभी लोकसभा की सीटों पर जीत दिला दी. इसलिए बीजेपी मोदी के चेहरे के साथ आगे बढ़ रही है.
सभी समाजों पर फोकस
भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी आसींद में भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण दिवस पर पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की है. सूत्र बता रहे हैं कि अब मीणा समाज के वोटर्स (Meena Voters) को साधने का काम शुरू हो गया है. राजस्थान की वो प्रमुख जातियां जो यहां पर सरकार बनाने और गिराने की स्थिति में हैं उनपर बीजेपी पूरी नजर गड़ाए हुए है. पीएम के चेहरे के साथ ही बीजेपी उन सभी प्रमुख जातियों तक पहुंचना चाह रही है.
राहुल बनाम पीएम मोदी
पिछले दिनों अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि, राजस्थान में कांग्रेस इस बार का चुनाव राहुल गांधी के नाम और चेहरे पर लड़ेगी. चर्चा तक हो गई थी क्या इस बार राहुल गांधी बनाम पीएम नरेन्द्र मोदी होने वाला है, लेकिन इस बात पर अशोक गहलोत ने कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई, और धीरे-धीरे अब मांग उठने लगी है. अगर यहां पर राहुल बनाम मोदी चुनाव होता है तो इसका फायदा किसे मिलेगा यह देखना बड़ा दिलचस्प रहेगा.
विकास के नाम पर वोट
पीएम नरेंद्र मोदी अगर राजस्थान के दौरे पर ज्यादा रहेंगे तो राजस्थान बीजेपी यह बताने और दिखाने में लगी रहेगी कि इस राज्य में केन्द्र की सरकार द्वारा कितना काम किया जा रहा है, जबकि यहां की सरकार ने सहयोग नहीं दिया है. इस बार एक दिसम्बर को खुद जेपी नड्डा ने आदर्श नगर के दशहरा मैदान में खुद कहा था. नड्डा ने कई योजनाओं में देरी की वजह यहां के सरकार की लापरवाही बताई थी. इसके साथ ही राजस्थान में डबल इंजन की सरकार बनाने की जरूरत भी बताई थी. यहां बीजेपी के पास भी मोदी की योजनाओं के अलावा कोई मजबूत पक्ष नहीं दिख रहा, जिसकी चुनाव में चर्चा कर सके.
बीजेपी की क्या है रणनीति
राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा चुनावी मोड में रहते है. ये ऐसी पार्टी है जो अपने संगठन और नीतियों के प्रचार प्रसार में लगी रहती है. लालकृष्ण आडवाणी के बाद वाली भाजपा बदल गई है. ये हमेशा अभियान में रहती है. आमतौर पर भारत के पीएम कभी भी इतने नीचे और गहराई तक नहीं जाते थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस परम्परा को तोडा है. वरिष्ठ पत्रकार हरीश मलिक का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी या भाजपा की चुनावी रणनीति यही होती है. राजस्थान में सचिन पायलट को सीएम न बनाये जाने से गुर्जर नाराज हैं और उन्हें अपनी ओर करने के लिए भाजपा इस रणनीति पर काम कर रही है.
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