Jaipur News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण (Nirmala Sitharaman) ने यूनियन बजट (Budget 2023-24) पेश कर दिया है. इस दौरान वित्त मंत्री ने लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई बड़े ऐलान किए. इसमें सबसे बड़ा ऐलान इनकम टैक्स (Income Tax) में लोगों को राहत देने वाला रहा. वित्त मंत्री के इन फैसलों का चुनावी राज्य में क्या असर पड़ेगा? क्या इस बजट से चुनावी राज्य के सर्विस क्लास लोगों को साधने का प्रयास किया गया है? आखिए इसके मायने क्या हैं? आइए जानते हैं...


कुल 10 लाख 3 हजार सरकार कर्मचारी


राजस्थान में कुल 10 लाख 3 हजार सरकारी कर्मचारी हैं. इनके परिवार को जोड़ लिया जाए तो कुल लगभग 60 लाख के आसपास लोग होते हैं. उन्हें पूरी तरह से खुश और राहत देने जैसा है. नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत अब 3 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 6 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा. 6 से 9 लाख रुपये तक के आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक के आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक के आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा. लगभग ऐसी ही मांग यहां के कर्मचारी नेता कर भी रहे थे.


'बचत कितनी होगी इस पर है ध्यान'


राजस्थान में कर्मचारी संघ के नेता गजेंद्र सिंह का कहना है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन और स्टैंडर्ड टैक्स की मांग थी. ढाई लाख को पांच लाख की करने की मांग कर रहे थे. अब बचत कितनी होगी यह तो बाद में पता चलेगा. कुल मिलाकर कुछ तो बेहतर हुआ है. हमारी पहले से मांग थी, लेकिन अब जाकर इस पर अमल किया गया है. इसे एक तरह से चुनाव से पहले लोगों को साधने का प्रयास भी है.


राजस्थान में कम हैं टैक्सपेयर


बार्क ट्रस्ट के निदेशक निसार अहमद खान का कहना है कि राजस्थान में बहुत कम संख्या में टैक्सपेयर है. हालांकि, मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा है. एक संदेश है कि सात लाख तक के कमाने वाले लोग रिटर्न भरने के लिए आगे आये. इसे अच्छा माना जा सकता है.


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