Rajasthan News: राजस्थान में रोहिणी तपने के बाद आसमान से बरसती आग से निजात पाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के जतन करते नजर आ रहे हैं. इस कड़ी में नदी में भेड़ों को फेंका जा रहा है. पूरा मामला केशवरायपाटन (Keshoraipatan) उपखंड के रोटेदा (Roteda) के पास चंबल नदी (Chambal River) पुलिया का है, जहां चरवाहों ने अपने भेड़ों को एक-एक करके नदी में फेंका दिया. दरअसल इन दिनों गर्मी से इंसान के साथ-साथ पशुओं का भी बुरा हाल हो रहा है. यही वजह है कि चरवाहों ने भेड़ों को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए ऐसा किया.


क्षेत्र के मयंक जैन ने बताया कि भेड़ों के शरीर पर ऊन होने के कारण गर्मी ज्यादा लगती है. ऐसे में उन्हें ठंडक पहुंचाने के लिए ही गड़रिये को पुल पर लाते हैं और फिर एक-एक कर उन्हें कम गहरी नदी में फेंकते देते हैं. ऊन के कारण भेड़ पानी में डूबती भी नहीं और थोड़ी देर में तैरकर किनारे पर आ जाती हैं. इस व्यवसाय से जुड़े किसान बताते हैं कि भेड़ आसानी से पानी में नहीं जाते हैं, ऐसे में उन्हें फेंकना पड़ता है. यदि गर्मी में उन्हें ठंडक नहीं मिले तो बीमार पड़ जाते हैं, कई बार तो मौत भी हो चुकी है.


बूंदी में आए इस बार 30 हजार भेड़


बूंदी में इन दिनों एक दर्जन जिलों से करीब 30 हजार भेड़ें आई हैं. मानसून शुरू होने से पहले भेड़ों का अपने इलाके में लौटने का सिलसिला शुरू होने वाला है. किसानों से विवाद नहीं हो और रेवड़ आसानी से निकल जाएं. इसके लिए प्रशासन ने कई चौकियां स्थापित की हैं. पशुपालन विभाग के संयुक्त डॉ. कन्हैया लाल ने बताया कि जिलें में भेड़ निष्क्रमण के लिए 5 स्थाई और 14 अस्थाई चौकियां बनाई गई हैं. कार्मिकों की नियुक्ति भी कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि डाबी, खड़ीपुर, डाबी, गरड़दा और इंद्रगढ़ में स्थाई के साथ-साथ नैनवां, खीण्या, डोरा, गुजरघाटा, बसोली, बीसवां मील, बाबई, जजावर और मेंडी कचनारिया में अस्थाई चौकियां स्थापित की गई हैं.


डीएम ने दिए ये निर्देश


उन्होंने बताया कि साल 2022-23 में एक जुलाई से 31 अक्टूबर तक निष्क्रमणकाल रहेगा. इस अवधि में संभावित भेड़ों के निष्क्रमण संख्या लगभग 30 हजार रहेगी. उधर जिला कलेक्टर रेणु जयपाल ने निर्देश जारी की है कि भेड़ निष्क्रमण के समय आने वाले पालकों को सरकार की तरफ से देय सभी सुविधाओं का लाभ समय पर देकर और सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाए. उन्होंने कहा कि निर्धारित रास्तों के चेकपोस्ट पर पुलिस, होमगार्ड, प्रशासन के कार्मिक और पशुपालन विभाग के प्रतिनिधि टीम भावना के साथ कार्य करें. उन्होंने निर्देश दिया कि निष्क्रमण के दौरान किसानों की फसलों को नुकसान नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए.


भेड़ पालकों के लिए की जाएगी यह व्यवस्था


साथ ही रेणु जयपाल ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि चेकपोस्टों पर भेड़ पालकों के लिए छाया, पीने के पानी की व्यवस्था की जाए. नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर भ्रमणशील दलों का गठन हो. उन्होंने रसद विभाग के माध्यम से भेड़ पालकों को खाद्य सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर पुलिस, पशुपालन, चिकित्सा विभाग के संयुक्त दल बनाकर भेड़ निष्क्रमण की समयावधि से पूर्व उसका मौका निरीक्षण कर लिया जाए. इसके अलावा स्थानीय नागरिकों से भी समन्वय स्थापित कर आने वाली समस्याओं का निस्तारण करने की बात उन्होंने कही.


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