Plan Crashed in MP & Rajasthan: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पास आज सुबह सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और राजस्थान के भरतपुर शहर में एक चार्टर्ड विमान के दुर्घटनाग्रस्त के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सीडीयस जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) से पूरी जानकारी मांगी है. वहीं वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी लगातार इस घटना को अपडेट कर रहे हैं.


दरअसल, मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पास आज सुबह एक सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. वहीं राजस्थान के भरतपुर शहर से भी एक चार्टर्ड विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई है. सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. वहीं एक अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि मुरैना में हुए हादसा दोनों फाइटर जेट के टकराने की वजह से हुआ हो, क्योंकि दोनों की जैट एक ही जगह पर क्रैश हुए हैं. 







2 पायलट सुरक्षित, तीसरे का रेस्क्यू जारी


डिफेंस के सूत्रों के मुताबिक, हादसे में वक्त सुखोई-300 में 2 पायलट सवार थे. जबकि मिराज 2000 में 1 पायलट सवार था. ये हादसा हवा में दोनों फाइटर जेट के टकराने से हुआ है या नहीं, इसे पता करने के लिए इंडियन एयरफोर्स कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (IAF Court of Inquiry) शुरू कर दी गई है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पायलट सुरक्षित हैं जबकि एक IAF हेलिकॉप्टर तीसरे पायलट के स्थान पर जल्द ही पहुंच रहा है.


सीएम शिवराज ने सहयोग का निर्देश दिया


वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि 'मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है. मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं. विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं.'






जानें मिराज-2000 के बारे में


मिराज-2000 का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट ने किया है. यह वही कंपनी जिसने राफेल को बनाया है. वहीं मिराज-2000 सिंगल इंजन फाइटर प्लेन विमान की लंबाई 14.36 मीटर व वजन 7500 किलो है. मिराज-2000 की लंबाई 47 फीट और वजन 7,500 किलो है. मिराज-2000 अधिकतम 2,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है. मिराज 13,800 किलो गोला बारूद के साथ 2,336 किलोमीटर की गति से उड़ सकता है. डबल इंजन वाला मिराज-2000, चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान और माक 2 है.


भारत ने पहली बार इसे 80 के दशक में ख़रीदने का ऑर्डर दिया था. करगिल युद्ध में मिग-21 के साथ मिराज-2000 विमानों ने भी अहम भूमिका निभाई थी. वहीं साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे. इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हैं, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हो गया है. वहीं फ्रांस ने ये विमान केवल भारत को ही नहीं बेचा, बल्कि आज की तारीख में नौ देशों की वायुसेना इस विमान का इस्तेमाल करती हैं.


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