Rajasthan Government in Action: अजमेर में होटल संचालक और कर्मचारियों से मारपीट के मामले में आईएएस और आईपीएस को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में एक एएसआई और दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है. होटल मालिक ने आईएएस और आईपीएस अधिकारी पर दोस्तों और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर मारपीट करने का आरोप लगाया है. आईएएस गिरधर कुमार अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त थे. जबकि आईपीएस सुशील कुमार विश्नोई अजमेर के एडिशनल एसपी पद पर तैनात थे.
कब और कहां की है घटना
यह घटना 12 जून की रात करीब ढाई बजे की है. उस रात आईपीएस सुशील कुमार, एएसआई रूपाराम पुलिसकर्मियों के साथ होटल पर आए. इन लोगों रेस्ट रूम में जाकर होटल स्टाफ के साथ लाठी, हॉकी, डंडों से मारपीट की. रात करीब 2.45 बजे आईपीएस अपने दोस्तों के साथ पुलिस जीप में रवाना हो गए. इसकी शिकायत रात तीन बजे गेगल पुलिस को दी गई. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. यह पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.
होटल मालिक महेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सुशील बिश्नोई अपने 4-5 साथियों के साथ प्राइवेट गाड़ी में होटल आए . होटल के बाहर बैठे एक कर्मचारी से पूछा यहां कैसे बैठे हो ? उसने कहा, होटल का स्टाफ हूं और सोने जा रहा हूं. इसके बाद आईपीएस ने उसे थप्पड़ मार दिया. उन्होंने इसके बाद होटल के स्टाफ उमेश कुमार, महेंद्र गुर्जर और अन्य से मारपीट, गाली-गलौज की. फिर वापस चले गए. घटना की सूचना स्टाफ ने होटल मालिक को दी. इसके बाद मालिक ने गेगल थाने को सूचना दी.
सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे हैं अधिकारी
होटल मालिक महेंद्र सिंह ने पुलिस और आरटीडीसी चेयरमैन को सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करवाए हैं. इसमें आईपीएस सुशील बिश्नोई, उनके दोस्त और वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी मारपीट करते दिख रहे हैं. राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत और अजमेर रेंज आईजी को घटना की जानकारी दी. इसके बाद कार्मिक विभाग ने एक्शन लेकर दोनों अफसरों को निलंबित कर दिया.
आईपीएस अफसर सुशील बिश्नोई को राज्य सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश में नए घोषित गंगापुर जिले का ओएसडी बनाया था. इससे पहले वो अजमेर सिटी के एडिशनल एसपी पद पर पोस्टेड थे. रविवार को शहर के एक रेस्टोरेंट में उन्हें विदाई पार्टी दी गई थी. पार्टी खत्म होने के बाद 11-12 जून की दरमियानी रात 2 बजे वह कुछ दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने पहुंचे थे.इनमें आईएएस गिरधर भी शामिल थे.
क्या कहा है कार्मिक विभाग ने अपने आदेश में
राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच कार्यवाही विचाराधीन है, इसलिए राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन और अपील नियम 1969 के नियम 3 के उप नियम 1 के तहत दी गईं शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश देती है.
अजमेर के एसपी चूनाराम जाट ने भी आदेश जारी कर इस मामले में गेगल थाने के एएसआई रूपाराम, कॉन्स्टेबल गौतम और मुकेश यादव को लाइन हाजिर कर किया है. आदेशों में विभागीय जांच प्रस्तावित होने का कारण बताया गया है. डीजीपी उमेश मिश्रा के निर्देश पर एडीजी विजिलेंस बीजू जॉर्ज जोसफ को मामले की जांच सौंपी गई है. माना जा रहा है कि और भी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
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