(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: नए साल में राजस्थान के 13 जिलों की बुझेगी प्यास, मिलेगी ERCP की सौगात, दिल्ली में बन गया प्लान
Jaipur: राजस्थान को जल्द ही ERCP की सौगात मिलने वाली है. जिसको लेकर दिल्ली में राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकारियों की बैठक हुई. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के निर्देश पर बैठक बुलाई गई थी.
Rajasthan News: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होते ही पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के सूखे गलों की प्यास बुझाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है. बुधवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के निर्देश पर सचिव देबाश्री मुखर्जी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकारियों की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट ERCP-पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) लिंक परियोजना के समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने पर अहम चर्चा हुई. ERCP-पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के संशोधित प्लान पर आधारित समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने के लिए बैठक आयोजित की गई है.
राजस्थान के 13 जिले के लोगों को मिलेगा पीने का पानी
दिल्ली में हुई इस बैठक में तैयार समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके साथ ही बैठक में समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया. प्रबल संभावना है कि आगामी जनवरी में दोनों राज्य और केंद्र सरकार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे. बैठक में सेंट्रल वॉटर कमीशन और नेशनल वॉटर डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे. इस लिंक परियोजना से न केवल पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था होगी, बल्कि औद्योगिक इलाकों के लिए भी पानी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. मध्य प्रदेश के मालबा और चंबल रीजन के 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई भी होगी. यही नहीं, संशोधित प्लान का डीपीआर भी अगले साल मार्च महीने तक तैयार कर लिए जाने की संभावना है.
ERCP को राजस्थान में लागू कराने के प्रयास में जुटे शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ERCP को राजस्थान में लागू कराने के लिए पिछले लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि राजस्थान में बीजेपी सरकार बनते ही इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा. यही नहीं, केंद्रीय मंत्री ने ERCP-PKC लिंक प्रोजेक्ट को पांच प्राथमिकता वाले कार्यों में भी शामिल कराया था, लेकिन तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार के दौरान इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. अब राजस्थान और मध्य प्रदेश के लाखों निवासियों को डबल इंजन सरकार का फायदा मिलेगा.
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