Alwar Murder Case: राजस्थान के अलवर में 2017 में हुए बहुचर्चित हत्याकांड मामले में कोर्ट ने आरोपी महिला और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल साल 2017 में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति और तीन बेटों और अपने भतीजे की हत्या कर दी थी.
प्यार में रोड़ बन रहे थे पति और बेटा
इस बहुचर्चित हत्याकांड ने पूरे अलवर को हिलाकर रख दिया था. आरोपी महिला ने कबूल किया था कि उसका पति और उसका बेटा उसके प्रेम प्रसंग में रोड़ा बन रहे थे. इसलिए उन्हें अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने अपने प्रेमी के साथ उनकी हत्या की साजिश रची थी.
क्या था पूरा मामला
कठूमर थाना क्षेत्र के गारू गांव की रहने वाली संतोष उर्फ़ संध्या की शादी 1999 में अलवर जिले के शिवजी पार्क में रहने वाले बनवारी लाल शर्मा के साथ हुई थी. शादी के बाद सब कुछ सही चल रहा था दोनों पति-पत्नी के तीन बच्चे भी हो गये. बनवारी लाल एक फैक्ट्री में ऑपरेटर का कार्य करता था. घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी इसलिए संतोष ने ताइक्वाण्डो की कोचिंग ली और ट्रेनर बन गई. संतोष बच्चों को लेकर अलवर से बाहर जाने लगी. एक बार बच्चों लेकर संतोष उदयपुर गई थी जहां उसकी मुलाकात हनुमान से हो गई. धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात बढ़ती गई और दोनों में प्यार हो गया.
पति और बेटे को लग गई थी प्रेम प्रसंग की भनक
संतोष और हनुमान के प्रेम संबंधों की भनक संतोष के पति को और उसके बेटे को लग गई. अब दोनों संतोष को घर से बाहर जाने से रोकने लगे. इसलिए दोनों ने मिलकर पति और बेटे को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. 2 अक्टूबर 2017 को संतोष ने देर रात अपने प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर कमरे में सो रहे पति बनवारी, तीन बेटे मोहित, खुशी और अज्जू और भतीजे मोहित की हत्या कर दी.
खाने में मिलाकर दी नींद की गोलियां
पुलिस जांच पड़ताल के दौरान संध्या ने बताया कि उसने अपने पति को रात को खाने में नींद की गोलियां पीसकर दी थीं. इसके बाद संतोष ने दरवाजा खोल कर हनुमान व उसके दो साथियों को घर में बुलाया और सोते हुए बनवारीलाल और बेटे अमन पर चाकू से हमला किया और उनकी हत्या की. इसी दौरान वहां सो रहे उसके और बच्चे भी जग गए. पकड़े जाने के डर से उन्होंने तीनों बच्चों को भी एक के बाद एक मौत के घाट उतार दिया. संतोष बेखौफ अपनी आंखों के सामने अपने बच्चों को मरता देखती रही. संतोष ने बताया कि हमने केवल पति और अपने बड़े बेटे की हत्या की साजिश रची थी लेकिन उसे प्रेमी ने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक शर्मा ने कहा कि संध्या और हनुमान प्रसाद को प्यार हो गया था लेकिन उनके पति और बड़े बेटे को उनके अवैध संबंधों के बारे में संदेह था. उन्होंने परिवार के लोगों को प्यार के रास्ते से हटाने की साजिश रची. उन्होंने चार बच्चों और पति को चाकुओं से गोद कर मार डाला. कोर्ट ने उन्हें धारा 302, 407,120बी, 201 के तहत 77 प्रत्यक्षदर्शियों और 379 दस्तावेजों के सत्यापन के तहत दोषी पाया. सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पुलिस ने कई बार इनके होटल में रहने के सबूत जुटाए थे. पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए हैं. शर्मा ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में भी उंगलियों के निशान का मिलान किया गया था.
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