Rajasthan Politics: राजस्थान में सरकार की ओर से चलाए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान में ब्यावर नगर परिषद सभापति नरेश कनौजिया को बिना संशोधित ले-आउट के पट्टे जारी करना महंगा पड़ गया. स्वायत्त शासन विभाग ने पट्टे जारी करने में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के आरोप में कनौजिया को सभापति पद से निलंबित कर दिया है. विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किए हैं.


निलंबन से पहले विभाग ने करवाई जांच
निलंबन से पहले विभाग ने राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की 2099 की धारा 39(1) के तहत नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा था. सभापति को नोटिस देने से पहले विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने पट्टा प्रकरण की जांच की थी. जांच में अधिकारियों ने सभापति को दोषी माना था. राज्य सरकार ने कनौजिया के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के तहत न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. जांच प्रभावित होने की संभावना के चलते सभापति  को निलंबित किया गया है.


कांग्रेस की लग सकती है लॉटरी
सभापति पद से कनौजिया का निलंबन होने के बाद अब इस कुर्सी पर कांग्रेस पार्षद बैठेगा. वर्तमान में सभापति पद दलित वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में अभी छह पार्षद इस पद के योग्य हैं. सभी पार्षद एक्टिव मोड पर आ गए हैं और सभापति बनने की जुगत में लगे हैं. माना जा रहा है गोविंद पंडित या घनश्याम फुलवारी सभापति बन सकते हैं.


बीजेपी के लिए मुसीबत वाला शुक्रवार
ब्यावर में बीजेपी नेताओं के लिए शुक्रवार मुसीबत वाला साबित हुआ. दोपहर में विधायक शंकर सिंह रावत की कार का जयपुर में एक्सीडेंट हो गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही सभापति नरेश कनौजिया का निलंबन आदेश आ गया.


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