Rajasthan: किसानों के लिए फिर आफत बनी बेमौसम बारिश, फसल खराब होने से करोड़ों के नुकसान की आशंका
Jaipur News: कटी हुई व खेतों में खड़ी जीरे की 80 हजार हैक्टेयर की शेष फसल में 60 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान की आशंका है जिससे 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है.
Rajasthan News: बेमौसम की बारिश ने एक फिर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसानों के खेतों में खड़ी जीरे, ईसबगोल और गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी है. इस बेमौसम बारिश से किसानों को करोड़ों के नुकसानों की आशंका जताई जा रही है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण 4 मार्च से ओलावृष्टि व बारिश का दौर शुरू हुआ था जो अभी भी थमा नहीं है. रुक-रुक कर बारिश व ओलावृष्टि का जारी है.
बारिश से खेतों में कटी पड़ी फसल भीगी
जोधपुर जिले के आऊ, बापिणी, ओसियां, देचू, फलोदी, सेखाला, चामू, शेरगढ़, लोहावट, बालेसर सहित पुरे जिले में दोपहर बाद मौसम में आए बदलाव से तेज आंधी के साथ बरसात होने लगी लगी जो देर शाम तक भी जारी थी. क्षेत्र में इस समय रबी सीजन की फसलों की कटाई का काम चल रहा है. जिले में इस सीजन में 6 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुवाई हुई थी उसमें से 2 लाख हैक्टेयर में रायड़ा की फसल थी जो लगभग कट चुकी थी, खेतों में ज्यादा पानी भरने से रायड़ा में भी नुकसान हुआ है. वहीं सरसों की भी गुणवत्ता खराब हुई है. जिले में 1 लाख 65 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में जीरे की बुवाई हुई थी इसमें से 50 प्रतिशत जीरे की कटाई हो चुकी है वहीं शेष फसल खेतों में खड़ी है.
कटी हुई व खेतों में खड़ी जीरे की 80 हजार हैक्टेयर की शेष फसल में 60 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान की आशंका है जिससे 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है. वहीं इसबगोल की भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है. ईसबगोल अभी खेतों में बची हुई है. ईसबगोल की 18 हजार हैक्टेयर फसल में 300 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की आशंका है. पिछले दिनों मौसम खराब होने व मौसम विभाग की चेतावनी के बाद किसानों ने आनन फानन में जीरे व इसब की फसलों को बचाने के लिए अधपक्की स्थिति में ही कटाई शुरू की थी लेकिन पुनः मौसम खराब होने से कटी हुई फसलें समेट नहीं पाए जिससे खेतों में पड़ी फसलों के उड़ने, भीगने से नुकसान हुआ है.
जीरा और इसब की फसल खराब होने से 1700 करोड़ का नुकसान
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि जिले में एक पंखवाड़े से मौसम खराब चल रहा है. जीरे व इसबगोल की फसलें पकने के समय बरसात के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं. बीच में मौसम साफ होने से किसान कुछ फसलों को काट कर समेटने में सफल हुए लेकिन अभी भी जीरा व ईसब की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलें कटी हुई या खेतों में खड़ी हैं. बचे हुए इस रकबे में जीरे में गुणवत्ता खराब होने, झड़ने तथा ओस व कोहरे से 60 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है. वहीं इसबगोल में 80 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है जिसका वर्तमान बाजार भाव से आंकलन करे तो 1600 से 1700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान केवल इन दो फसलों में हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों को आपदा अनुदान व फसल बीमा क्लेम दिलाने हेतु गंभीरता बरतनी होगी.
पूर्व विधायक ने की सीएम से किसानों को तुरंत राहत देने की मांग
ओसिया के पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने कहा कि बेमौसम बारिश व अतिवृष्टि के कारण ओसियां क्षेत्र सहित जिले भर में किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में भारी नुकसान के भयावह समाचार सुनकर मन हैरान व व्यथित है. किसान बड़ी मेहनत व लगन के साथ खेती करके देश और प्रदेश के लिए अनाज की पैदावार करता है. इस बेमौसम बारिश ने अन्नदाता के सपनों को चकनाचूर किया है. राज्य सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी से विशेष आग्रह है कि किसान हित में त्वरित विशेष गिरदावरी के आदेश कर इस आपदा में राहत प्रदान कराएं
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