Udaipur Wedding Tradition: भारत में विभिन्न धर्मों और समाज में विवाह (Wedding) के अलग-अलग रीति-रिवाज का पालन होता है. उदयपुर (Udaipur) में श्रीमाली समाज (Shrimali Community) अनूठे तरह के रीति-रिवाज का पालन करता दिखता है. यहां दूल्हा, दुल्हन को गोद में उठाकर फेरे लेता है. यहीं नहीं शादी की यह रस्म 12 घंटे में पूरी होती है. यहां दूल्हा-दुल्हन सात की जगह आठ फेरे लेते हैं. इसके बाद ही शादी संपन्न होती है. फेरे लेने नियम भी अनोखा है. पहले चार फेरे रात में लिए जाते हैं और बाकी चार सुबह के वक्त लिए जाते हैं. जानते क्या है यह परंपरा...

 

पंडित नरेश वैष्णव ने बताया कि श्रीमाली समाज के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) हैं. कृष्ण विवाह के अनुसार ही समाज में शादी होती है. इसके पीछे मान्यता यह है कि भगवान कृष्ण और माता रुक्मिणी का विवाह हो रहा था तब माता रुक्मिणी (Rukmini) के पैर में चोट लग गई थी, तो भगवान कृष्ण ने माता रुक्मिणी को गोद मे उठाकर फेरे लिए थे. यह भी कहा जाता है कि जब दोनों का विवाह हो रहा था तब शिशुपाल भगवान कृष्ण से युद्ध के लिए आया था. उस समय चार फेरे ही हुए थे और भगवान कृष्ण युद्ध के लिए निकल पड़े थे. सुबह वह लौटे और फिर चार फेरे लिए. इसके बाद से ही आठ फेरों की परंपरा शुरू हुई. 

 

12 घंटे तक चलती हैं शादी की रस्म

पंडित नरेश वैष्णव ने बताया कि फेरों की रस्म शुरू होती है तब पहले चार फेरे लिए जाते हैं. इसके बाद कन्यादान, अंगूठा पकड़ाई सहित अन्य रस्में होती हैं. फिर चार फेरे होते हैं. ऐसे में परिवार बड़ा हो तो 12 घंटे तक रस्म अदायगी में लग जाते हैं. इसके बाद ही विवाह संपन्न होता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई दूल्हा, दुल्हन को गोद में उठाने में सक्षम ना हो तो हाथ पकड़कर रस्म निभाई जाती है.