एक्सप्लोरर

Independence Day 2022: बूंदी के इस सपूत ने आजादी की लड़ाई में गंवाई आंखों की रोशनी, अंग्रेजी शासन का अत्याचार भी नहीं डिगा सका कदम

Azadi ka Amrit Mahotsav: 11 अगस्त 1947 को आंदोलन के दौरान जुलूस में गोलीबारी हो रही थी. अभय शंकर गुजराती अंगेजों की गोलियों का शिकार हो गए. घटना में बाईं आंख की रोशनी चली गई.

75th Independence Day: देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बूंदी का एक शख्स चट्टान की तरह खड़ा रहा. अभय शंकर गुजराती बाल्यकाल से ही अंग्रेजों से टक्कर लेने का जज्बा रखते थे. मात्र 12 वर्ष की छोटी उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी जा रही स्वतंत्रता की लड़ाई में भाग लिया. वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मशाल जलाए रखी. अंग्रेजी हुकूमत की तरफदार तत्कालीन रियासत को रास नहीं आया. उसने आंदोलनकारियों पर यातनाओं का सितम ढहाया.

11 अगस्त 1947 को आंदोलन के दौरान जुलूस में गोलीबारी हो रही थी. अभय शंकर गुजराती अंगेजों की गोलियों का शिकार हो गए. घटना में बाईं आंख की रोशनी चली गई और हाथ भी विकलांग हो गया. स्वतंत्रता सेनानी अभय शंकर गुजराती जीवन के अंतिम काल में सरकार की उपेक्षा से काफी व्यथित रहे. निधन के बाद प्रशासन ने पुण्यतिथि मनाकर याद रखने की जरूरत नहीं समझी. स्वतंत्रता सेनानाी का परिवार शहर के अमर कटला इलाके में रहता है.

12 वर्ष की उम्र से ही बालक आजादी का हुआ दीवाना

21 जनवरी 1913 में मूलचंद एवं भंवरी बाई उर्फ जाना बाई के घर जन्मे अभय का लालन-पालन शाही टाट बाट से हुआ. लेकिन बाल्यावस्था में ही पिता की मौत के बाद मां की शिक्षा ने आजादी की लड़ाई में कूदने के लिए प्रोत्साहित किया. जीजा बाई बनकर मा भंवरी बाई अभय को वीररस की कहानियां सुनाती. गीत गाती तो रोम-रोम खड़ा हो जाता था. 12 वर्ष की उम्र से ही बालक अभय में दासता से मुक्त होने की उड़ान भरने लगी.

आजादी के मतवाले माणिक्य लाल वर्मा चौगान गेट इलाके में सभा आयोजित करने आए थे. बालक की शक्ल में अभय भी सभा सुनने गया. अंग्रेजी दासता के खिलाफ वर्मा भाषण दे रहे थे. लोगों में जोश भर गया. पुलिस ने डंडा चला कर भीड़ को तितर-बितर करना चाहा, बालक अभय निडर रहा. लेकिन क्रूर पुलिस ने अभय की लाठियों से पीटाई कर दी. घटना में अभय का हाथ चोटिल हो गया. स्वतंत्रा सेनानी माणिक्य लाल वर्मा को गिरफ्तार कर किले में बंद कर दिया गया. घटना ने बालक अभय को आजादी लेने का दीवाना बना दिया.

कांग्रेस का सक्रिय सदस्य बनकर कार्यक्रमों में लिया हिस्सा

बालक शंकर को कांग्रेस की नीति और सिद्धांत की जानकारी हुई तो 18 वर्ष की आयु में पार्टी के सदस्य बनकर गोष्ठियां, प्रभात फेरी आयोजित करने लगे. अनपढ़ अभय ने ऋषि दत्त मेहता, केसरी लाल कोटिया से कांग्रेस का उद्देश्य सीखा. उन्हें हरावल दस्ते के रूप में जाने जाने लगा. 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला कांड पर अभय की आत्मा ने ज्वाला का रूप धारण कर लिया. आजादी के दीवाने नेताओं की सभा आयोजित करने में बढ़-चढ़कर भाग लिया.

जमींदार घराने में पैदा होने और 750 बीघा जमीन के मालिक होने के बावजूद अभय संपत्ति के मोह से कोसों दूर रहे. आजादी की लड़ाई में शामिल होने पर बागी शंकर की सभी जमीन को अंग्रेजों ने जब्त कर ली. बूंदी में इलेक्ट्रॉनिक कंपनी का ड्राइवर और मैकेनिक बनकर परिवार का गुजर-बसर कर रहे अभय शंकर ने नुकसान को भी हंसते-हंसते सह लिया लेकिन भुगतना कबूल नहीं किया. भारत छोड़ो आंदोलन में श्री राम कल्याण वकील, पंडित के ब्रज सुंदर, छितर लाल आदि दर्जन भर लोग मैदान में कूद पड़े. शंकर भी आंदोलन में चट्टान की तरह डटे रहे.

गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत रहकर देश की सेवा की. कंपनी के अत्याचार बढ़ने पर अभय शंकर मजदूरों एक हो, संघर्ष करो का नारा बुलंद कर प्रेरित करने लगे. तब जाकर यूनियन का निर्माण हुआ. मजदूरों में अलख जगी तो ड्राइवर को अध्यक्ष चुना गया. अधिकारों अत्याचारों के विरुद्ध की जा रही हड़ताल जुलूस के कार्यक्रम होने लगे. 11 अगस्त 1947 को आंदोलन के जुलूस में गोलीबारी हो गई. गोलीबारी में रामकल्याण की मौके पर ही मौत हो गई. स्वतंत्रा सेनानी अभय शंकर गुजराती भी बर्बर गोलीबारी का निशाना बने घटना में शंकर की बाईं आंख की रोशनी जाने के साथ बांया हाथ जख्मी हो गया.

Har Ghar Tiranga: आज से 'हर घर तिरंगा अभियान' शुरू, CM अशोक गहलोत बोले- इस अवसर को यादगार बनाएं

अभय शंकर की आंख की रोशनी चली गई और हाथ स्थाई रूप से विकलांग हो गया. देश को मिली आजाद के बाद अभय शंकर गुजराती स्वतंत्र भारत में सेनानी बन गए. लेकिन उनकी सरकार ने कोई कदर नहीं की. दृष्टिहीन होने के बाद स्वतंत्रता सेनानी अभय शंकर परिवार को बताते थे कि सारी प्रजा ने मिलकर ही आजादी की लड़ाई लड़ी. किसी एक ने अकेले काम नहीं किया ना ही हो सकता है. परिवार बताता है कि निधन के दिन निकट थे तब उनके स्मरण किए जा रहे हैं. आजादी के 50 वर्षों तक किसी ने सुध नहीं ली. 

Independence Day 2022 Special: 1933 में नेहरु को सुनकर आया ऐसा जोश, आजादी से पहले ही ब्यावर में लहराया तिरंगा

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

कम सीटें या अजित पवार, बीजेपी के सामने सरेंडर क्यों हो गए शिंदे?शिंदे का सरेंडर, फिर भी सीएम पर सस्पेंस, PM मोदी के मन में क्या है?Normal PAN, e-PAN, या PAN 2.0: कौन सा आपके लिए सही है? | Paisa LiveMera Balam Thanedar: OMG! बुलबुल बनी under-cover agent, चोरी हुए हार का कैसे पता लगाएगी बुलबुल?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Embed widget