Independence Day 2024 Special: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज तिरंगे के रंग में पूरा देश रंगा हुआ है, तो फिर देवो के देव महादेव कैसे इन रंगों से अछूते रह जाते. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडल में स्थित ऐतिहासिक 32 खंभों की छतरी में स्थापित शिवलिंग का शृंगार भी तिरंगे के रूप में किया गया. इसे देखने के लिए शिव भक्तों का तांता लगा रहा.
यहां हरियाली अमावस्या से रक्षा बंधन तक सावन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में यहां हर दिन भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इसी कड़ी में आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भगवान शिव का तिरंगे के रंग में शृंगार किया गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
क्या है 32 खंभों की छतरी का इतिहास?
ऐतिहासिक 32 खंभों की छतरी 700 साल पुरानी है. बता दें अकबर की सेना में जगनाथ कछावा नाम के एक सेना नायक थे जो शिव भक्त थे. कछावा युद्ध के दौरान वीर गति को प्राप्त हुए थे, जिनकी स्मृति में 32 खंभों की छतरी का निर्माण किया गया था. यह छतरी सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनी हुई है. इस 32 खंभों की छतरी के मध्य में एक पत्थर से बने लगभग पांच फीट 14 इंच की ऊंचाई का शिवलिंग स्थापित किया गया है, जो जन-जन की आस्था और भक्ति का केन्द्र है.
सावन में यहां लगता है मेला
सिद्धेश्वर महादेव सेवा समिति के सचिव नंद लाल गारी ने बताया कि इस छतरी पर सावन महीने की हरियाली अमावस्या से रक्षा बंधन तक भव्य मेला और महाआरती का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही छतरी को आकर्षक लाइट से सजाया गया है. वहीं महाकाल की तर्ज यहां भी भगवान शिव का हर दिन अलग-अलग तरह से श्रृंगार किया जाता है.
(सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)