Rajasthan News: अब तक आपने अल्फाबेट्स की डिक्शनरी देखी होगी लेकिन देश के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों के नाम की भी डिक्शनरी बन गई है. इस डिक्शनरी का नाम है डिक्शनरी ऑफ मार्टर्स (Dictionary of Martyrs) जिसमें देश के 13,500 शहीदों के नाम है. यह पांच खंड में बनी है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखरी खंड को 7 मार्च को लॉन्च किया है. दूसरे खंड में राजस्थान के शहीदों का नाम दर्ज है. 


इन खंड में इन राज्यों के शहीदों का नाम
डिक्शनरी के खंडों को अलग-अलग राज्यों के हिसाब से बांटा गया है. पहले खंड में 4,400 से ज्यादा शहीदों की जानकारी दर्ज की गई है. इसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के शहीदों के नाम है. दूसरे खंड में 3,500 शहीदों की जानकारी है, जो यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और जम्मू कश्मीर के है. तीसरे खंड में 1,400 शहीदों की जानकारी है जो महाराष्ट्र और सिंध के है. चौथे खंड में 3,300 के नाम है जो नॉर्थ-ईस्ट, बंगाल, बिहार, झारखंड, और उड़ीसा के हैं. पांचवें में 1,450 शहीदों का नाम दर्ज है. जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के रहने वाले थे.




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यह है डिक्शनरी का मतलब
डिक्शनरी ऑफ मार्टर्स का मतलब है जिसमें शहीदों के नाम दर्ज हों. इसमें ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले नायकों के नाम दर्ज हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च (ICHR) ने इन सभी तथ्यों को सयोजा है. इस डिक्शनरी में साल 1857 में हुए पहले विद्रोह से लेकर आजादी मिलने तक हुए शहीदों का ब्यौरे दर्ज हैं. वर्ष 2009 में 1857 की लड़ाई की 150वीं सालगिरह पर इसको बनाने का काम शुरू हुआ था. पहले 3 खंड 2011 से लेकर 2014 के बीच आए. बाकी दो खंड पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के समय आए. इनमें दक्षिण और पूर्व के शहीदों के नाम हैं.


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