Jodhpur News: इंदिरा गांधी नहर में 65 दिन का क्लोजर 26 मार्च से, भीषण गर्मी में होगी पानी सप्लाई में कटौती
Indira Gandhi Canal Closure: नीरज माथुर चीफ इंजीनियर PHED जोधपुर ने बताया कि आम जनता को पानी की दिक्कत न हो इसलिए PHED विभाग ने पानी के स्टोरेज की माकूल व्यवस्था कर ली है.
Indira Gandhi Canal Closure: मौसम में बदलाव होते ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, लगातार तापमान बढ़ रहा है. ऐसे में पानी की मांग भी बढ़ रही है. पानी की मांग बढ़ने के साथ इस भीषण गर्मी के दौर में 65 दिनों का क्लोजर होने जा रहा है जिससे एक बार फिर पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर सहित कई जिलों में पानी का संकट गहराने की स्थिति बनने जा रही है.
इस क्लोजर को देखते हुए रोजमर्रा के पानी की सप्लाई में कटौती करने की तैयारी की जा रही है. दरअस्ल, इंदिरा गांधी नहर में मरम्मत व साफ सफाई का कार्य किया जा रहा है. पीएचडी विभाग ने पानी का स्टोरेज करना शुरू कर लिया है. राजस्थान फीडर 26.03.2023 से 29.05.2023 तक 65 दिनों के लिए बंद रहेगा.
'पानी के स्टोरेज की व्यवस्था पूरी'
नीरज माथुर चीफ इंजीनियर PHED जोधपुर ने बताया कि राजस्थान व पंजाब सरकार प्रतिवर्ष नहरों के पानी का क्लोजर करते हैं. पंजाब व राजस्थान ने 3 साल के क्लोजर का प्लान बनाया था, यह तीसरा साल है, इस साल 65 दिनों का नहरों के पानी का क्लोजर दिया गया है. इससे पहले 2020-21 में 70 दिनों का क्लोजर किया गया था, उसके बाद 2021-22 में 60 दिनों का क्लोजर किया गया था.
2022-23 में 65 दिनों का क्लोजर किया जा रहा है. आम जनता को पानी की दिक्कत न हो इसलिए PHED विभाग ने पानी के स्टोरेज की माकूल व्यवस्था कर ली है.
65 दिनों तक बंद रहेगा राजस्थान फीडर
नीरज माथुर ने बताया कि पंजाब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. उत्तरी भारत नहर और जल निकासी अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के नियम 63 के तहत 1873 (1873 का अधिनियम संख्या VIII) मौसम और फसलों की स्थिति के संबंध में राजस्थान फीडर 26.03.2023 से 29.05.2023 तक 65 दिनों के लिए बंद रहेगा, ताकि रिलाइनिंग के शेष कार्यों को पूरा किया जा सके.
जलापूर्ति के लिए बांधों में एकत्रित किया जा रहा पानी
माथुर ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर क्लोजर के दौरान जलापूर्ति को बरकरार रखने के लिए जलदाय विभाग शहर के प्रमुख जलाशय ताकत सागर, कायलाना और सुरपुरा बांध में पानी एकत्रित कर रहा है. इन तीनों जलाशयों से जोधपुर में जलापूर्ति की जा सकती है. इसके अलावा मुख्य नहर के किनारे बनी डिग्गी को भी पूरा भरा जाएगा. वहीं मुख्य नहर में भी पानी को रोक कर रखा जाएगा. इस पानी को सही तरीके से काम में लेकर क्लोजोर की अवधि को निकाला जाएगा.
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