राजस्थान सरकार का सिंधी समाज के लिए बड़ा एलान, सिंधु दर्शन यात्रा के लिए मिलेंगे 15 हजार रुपये
Rajasthan News: राजस्थान सरकार सिंधी समाज को सिंधु दर्शन यात्रा के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता देगी. यह यात्रा लेह-लद्दाख में 18-30 जून तक होती है.
Sindus Darshan Yatra: राजस्थान सरकार ने सिंधी समाज के लिए बड़ा एलान किया है. अब सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी. राज्य सरकार ने सिन्धी समाज की सबसे बड़ी और पवित्र मानी जाने वाली लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर दी है.
सिन्धु दर्शन यात्रा में चार दिन तक लेह-लद्दाख में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होते हैं तथा यह यात्रा 18 जून से शुरू होकर 30 जून को समाप्त होती है. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से आग्रह किया था कि सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भी अन्य तीर्थ यात्राओं की तरह आर्थिक सहायता दी जाए.
सरकार का बड़ा ऐलान ...
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) November 28, 2024
राजस्थान सरकार का सिन्धी समाज के लिए बड़ा एलान, सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए मिलेगी 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता. @BhajanlalBjp
कैसी रहती है यात्रा
जानकारी के अनुसार सिन्धी समाज के तीर्थयात्री प्रतिवर्ष 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाते हैं. यह यात्रा 18 जून से जम्मू एवं कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है और 30 जून को समाप्त होता है. इस पर निर्णय करते हुए राज्य सरकार ने तीर्थ यात्रियों के लिए 15 हजार रुपये प्रति यात्री की आर्थिक सहायता की घोषणा की है.
आडवाणी ने की शुरुआत
दरअसल, वर्ष 1997 में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने सिन्धु दर्शन यात्रा की शुरुआत की थी. प्रतिवर्ष यह यात्रा 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में आयोजित की जाती है. इसमें बड़ी संख्या में सिंधी धर्मावलम्बी भाग लेते हैं.सभी ग्रन्थों में सिन्धु नदी का उल्लेख मिलता है. इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रगान में भी सिन्धु नदी का उल्लेख है. सिन्धी समाज में भी ईष्ट देव श्रीझूलेलाल के अवतार का जल से संबंध है. ऎसे में यह यात्रा सिन्धी धर्मावलम्बियों के लिए बड़ी पवित्र मानी जाती है. प्रतिवर्ष देश के लगभग 25 राज्यों से सिन्धी धर्मावलम्बी इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं. यह यात्रा जम्मू एवं कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है एवं लगभग 12 दिन चलती है.
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