Rajasthan Poltics: जनता को महंगाई राहत देने निकली अशोक गहलोत सरकार पर हो रहे डबल अटैक से कब मिलेगी राहत ?
Rajasthan News: राजस्थान में महंगाई राहत कैंप से एक दिन पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पेपर लीक मामलों में गिरफ्तार हुए बाबूलाल कटारा की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए.
Jaipur News: अशोक गहलोत सरकार (CM Ashok Gehlot) आज से दो महीने तक पूरे प्रदेश में महंगाई राहत कैम्प लगाने जा रही है. पूरे प्रदेश में कुल 2000 राहत कैम्प लगाएं जाएंगे. इनमें लोगों को कुल 10 बड़ी घोषित योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराना है. उसके बाद व्यक्ति लाभ में जुड़ जाएगा. ऐसी योजना के तहत सरकार जनता लाभ देने जा रही है. सरकार जहां इस राहत कैम्प के माध्यम से जनता को महंगाई से राहत देने की बात कर रही है. वहीं विपक्ष सरकार पर पेपर लीक और अन्य मामलों में डबल अटैक कर रहा है. सरकार के लिए बड़ी मुसीबत उनकी ही पार्टी के विधायक और मंत्री बने हुए हैं, जो पेपर लीक और भ्रष्टाचार पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं.अब विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष ने महंगाई राहत कैम्प पर कई आरोप लगाए हैं. सरकार को पूरी तरह से घेरने की योजना हैं. सरकार कैसे इनसे निपट या राहत पाएगी यह कह पाना मुश्किल है.
कैम्प से पहले सचिन पायलट के सवाल
महंगाई राहत कैंप से एक दिन पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पेपर लीक मामलों में गिरफ्तार हुए बाबूलाल कटारा की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने याद दिलाई कि कैसे विधानसभा के चुनाव में वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार की जांच कराने की बात और वादे हुए थे, लेकिन अब सरकार में आने के बाद हम उसपर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. हम जनता से किए वादों के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं. यह सवाल पायलट ने फिर तब पूछा है जब सरकार जनता को महंगाई राहत कैम्प के माध्यम से राहत देने की बात कह रही है.
गहलोत सरकार पर विपक्ष ने भी किया कड़ा प्रहार
सरकार से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कई सवाल किए हैं. उन्होंने आरोप भी लगाया है कि जनता को इस राहत कैम्प में परेशान किया जा रहा है. जब बजट की घोषणा हुई थी तो जनता को सबकुछ आसानी से मिलना चाहिए था. सब कैम्प लगाया जा रहा है.वहीं किरोड़ी लाल मीणा लगातार सरकार को पेपर लीक मामले में घेर रहे हैं. हनुमान बेनीवाल और आप भी अशोक गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. इसे सरकार पर डबल अटैक माना जा रहा है. क्या सरकार इसका सामना कर पाएगी या यूं हीं सबकुछ चलता रहेगा.
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