Jaisalmer International Biker Murder Case: जैसलमेर (Jaisalmer) पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय बाइक रेसर के ब्लाइंड मर्डर केस (International Biker Murder Case) का खुलासा कर दिया है. मामले में अब कई सनसनीखेज तथ्य सामने आ रहे हैं. इंटरनेशनल राइडर का मर्डर कराने वाली पत्नी (Wife) ने अपने बच्चे को कोख में मारने के लिए अबॉर्शन तक करवाने की ठान ली थी. पति ने जैसे-तैसे रोका जिसके बाद बेटी का जन्म हुआ. बेटी का जन्म होने के बाद राइडर की पत्नी ने उसे दूध पिलाने से मना कर दिया, कहने लगी, 'मेरा फिगर खराब हो जाएगा.' और फिर इसके बाद रच डाली पति की हत्या की साजिश. ये पूरा मामले बेहद हैरान करने वाला है. 


पत्नी ने रची साजिश 
जैसलमेर में इंटरनेशनल बाइक राइडर के हाई प्रोफाइल मर्डर की स्क्रिप्ट उसकी पत्नी सुमेरा ने लिखी थी. मामले में अब तक राइडर की पत्नी और 2 दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है. चौथे आरोपी साबिक की तलाश की जा रही है. फिलहाल, राजस्थान पुलिस सुमेरा को लेकर बेंगलुरु गई है साथ ही उससे बैंक अकाउंट और अन्य जानकारी ली जा रही है. इस बीच एबीपी न्यूज ने भी राइडर असबाक मोन के भाई अरशद से बात कि और जाना कि पति-पत्नी के बीच झगड़े की शुरूआत कब और कैसे हुई. क्यों सुमेरा ने अपने पति को ही मरवाने की साजिश रची. असबाक के भाई की जुबानी ही जानते हैं मौत के पीछे की असली वजह.
 
राइडर के छोटे भाई ने बताई ये बात 
राइडर के छोटे भाई ने बताया कि उनका परिवार केरल का रहने वाला है. घर में मां, 2 भाई और एक बहन है. पिता की मौत के बाद असबाक ने बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में जॉब शुरू किया, वहां उसकी मुलाकात सुमेरा परवेज नाम की लड़की से हुई थी. दोनों में प्यार हो गया और जुलाई 2012 में निकाह हो गया. बाद में पता चला कि सुमेरा उम्र में बड़ी और तलाकशुदा थी. अरशद ने बताया कि शादी के बाद सऊदी अरब के नूर बैंक में जॉब लगने पर सुमेरा के साथ असबाक चला गया. उसकी सैलरी भी 70 लाख रुपए थी. वहां जाने के बाद एक दिन अचानक उसका फोन आया, फोन पर वो काफी परेशान था. उसने कहा कि, इस लड़की से शादी करके गलती कर दी. हर टाइम फोन पर लगी रहती है. ना जाने कितने लोगों ने बात और चैट करती है. भाई ने बताया था कि उसने बेटी को भी कोख में मारने की कोशिश की.




नहीं बदला व्यवहार
प्रेगनेंट होने पर अबॉर्शन करवाने की जिद्द पर अड़ गई, रोका तो झगड़ा किया. बोली- बच्चा पैदा करने से मेरा फिगर खराब हो जाएगा. अपने बच्चे की खातिर जैसे-तैसे उसे रोका. 2013 में बेटी के जन्म के बाद भी वो नहीं बदली. नन्ही सी बच्ची को दूध पिलाने से मना कर दिया. अरशद ने बताया कि भाई को अपनी पत्नी पर शक था, बेटी के कारण वो चुप था. रिश्ते को संभालने के लिए वापस बीवी और बच्ची के साथ भारत आ गया था. यहां आकर उसने बुलेट बाइक पर इंडिया टूर का प्लान बनाया. सुमेरा को लेकर बेंगलुरु से लेह लद्दाख तक लंबी यात्रा की. मगर लाख कोशिश के बाद भी सुमेरा के व्यवहार में परिवर्तन नहीं आया. चोरी-छुपे फोन पर किसी शख्स के साथ बात करते हुए कई बार पकड़ी गई. असबाक ने पता किया तो सुमेरा का कोई पुराना आशिक नीरज निकला. हालांकि, वो क्या करता था और कहां रहता था, इसकी जानकारी नहीं है. 


लगातार होते रहे झगड़े 
अरशद ने बताया कि बेंगलुरु में आरटी नगर में असबाक का फ्लैट था. एक बार झगड़ा होने पर सुमेरा ने अपने घरवालों और कुछ दोस्तों को बुलाकर असबाक को पीटा था. इस दौरान एक कागज पर भी साइन लेने की कोशिश की थी. पिटाई में उसके मुंह से खून निकलने लगा था. झगड़े के बाद असबाक वापस दुबई लौट गया, लेकिन सुमेरा नहीं गई. सुमेरा बेंगलुरु में ही रुक गई. उसके बाद रुपयों के लिए कहने लगी. सुमेरा ने बच्ची को परिवार से भी दूर कर दिया था. केरल में दादी-चाचा से भी मिलने नहीं देती थी. सुमेरा वापस नहीं गई तो असबाक भी दुबई से वापस बेंगलुरु लौट आया. यहां आकर सुमेरा और अपनी बच्ची के साथ रहने लगा. असबाक ने काफी रुपए कमाए और दुबई में कई प्रॉपर्टी भी खरीदी थी. असबाक ने बेंगलुरु आने के बाद बाइक रैली में हिस्सा लेना शुरू किया और रेसर का एक ग्रुप भी बनाया. ग्रुप में विश्वास, संजय और साबिक भी शामिल हो गए. साबिक असबाक का सारा काम देखता था साथ ही फोटोग्राफर भी था. असबाक ने उसे 40 हजार रुपए महीने की सैलरी पर रखा था. यहां भी सुमेरा का किसी से अफेयर चला था, जिसकी जानकारी असबाक को हो गई थी. वो व्हाट्सएप चैट पर बात करती थी, इस बात पर फिर झगड़े होने लगे. जुलाई 2018 में एक पार्टी में साबिक के साथ भी असबाक का झगड़ा हुआ था, मगर एक महीने बाद जैसलमेर में दोनों का पैचअप हो गया था.




मामले को खत्म करवाने की कोशिश की गई 
अगस्त 2018 में बाइकर रैली इंडिया बाजा में शामिल होने असबाक जैसलमेर आया था. उसके ग्रुप के दोस्त संजय, विश्वास और साबिक भी शामिल थे. यहां बड़े ही शातिर तरीके से उसे मार डाला गया और हादसा बताते हुए मामले को खत्म करवाने की कोशिश की गई. असबाक के दोस्तों ने उसकी मौत की जानकारी दी थी. तब सुमेरा ने भी असबाक की एक बाइक एक्सीडेंट में मौत भूख-प्यास से मौत होना बताया था. उसने बोला कि वो बॉडी को लेकर आ जाएगी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. जैसलमेर में अपने चाचा और मां के साथ मिलकर असबाक को दफन करवा दिया ताकि उसकी मौत का राज कभी ना खुले. पुलिस ने भी इसे एक सामान्य मौत माना. तब असबाक की मौत की कहानी जैसलमेर के रेगिस्तान में एक राज के रूप में दफन हो गई थी.


किसी ने नहीं दिया ध्यान
अरशद ने बताया कि भाई की मौत के एक महीने बाद मां के साथ जैसलमेर गया था. मौत पर शक जाहिर किया था, तब साल 2018 में जैसलमेर पुलिस ने भी मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. मामला रफा-दफा हो गया. इस बीच पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी. ये रिपोर्ट सीनियर पुलिस अफसरों को भेज दी गई. तब उन्होंने कांग्रेस लीडर वेणुगोपाल को इस बारे में बताया था. उनसे तत्कालीन डीजीपी को कहलवाया, लेकिन फाइल घूमती रही और किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया. 




4 साल बाद पत्नी को किया गया गिरफ्तार 
एसपी डॉ अजय सिंह ने जुलाई 2020 में केस को फिर ओपन किया. घटना के 3 साल बाद साल 2021 में पुलिस ने वारदात का खुलासा कर मृतक के 2 दोस्तों संजय कुमार और विश्वास एसडी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सुमेरा फरार हो गई. जांच में सामने आया कि सुमेरा परवेज के कहने पर ही विश्वास, संजय और साबिक ने उसका खून किया था. उन्होंने सूनसान इलाके में गर्दन पर वार किया था, जिससे उसकी हड्डी टूट गई थी. ये ऐसी हत्या थी, जिसमें ना खून निकला था और ना कोई गंभीर चोट थी. पूछताछ में संजय और विश्वास ने बताया था कि असबाक की हत्या की सुपारी उसकी पत्नी सुमेरा ने ही दी थी. पुलिस ने बताया कि सुमेरा का शादी के बाद भी नीरज से अफेयर था. दोनों प्रेमी-प्रेमिका मिलकर असबाक मोन की प्रॉपर्टी हड़पना चाहते थे. पुलिस ने सुमेरा को आखिरकार हत्या के 4 साल बाद 13 मई 2022 को अरेस्ट कर लिया.


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