International Nurses Day 2023: पति की मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत,लोगों को किया जागरूक, विश्व नर्सिंग दिवस पर पढ़िए इन दो नर्सों की कहानी
Kota: विनीता कुमारी कोटा ये जे के लोन हॉस्पिटल में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं. 30 सितंबर 2020 को उनके पति का एक्सिडेंट हुआ. इस हादसे में उनके पति को हेड इंजरी और कई मल्टिपल इंजरी हो गई.
International Nurses Day: डॉक्टर्स को धरती का भगवान माना जाता है, लेकिन उनके काम में नर्सिंग स्टॉफ की भी अहम भूमिका होती है. मरीज का सबसे अधिक समय नर्सिंग स्टॉफ के साथ ही बीतता है और उनसे मरीज का एक अनकहा रिश्ता बन जाता है. जब मरीज ठीक होकर जाता है, तो उसके चहरे पर घर जाने की खुशी होती है. वहीं नर्सिंग स्टॉफ को भी अपनी सेवा पर सुकुन मिलता है. नर्सिंग स्टाफ अपने मरीज की सेवा अपने बच्चों की तरह करता है.
नर्सिंग स्टाफ पूरी जिम्मेदारी से काम करते हुए मरीज की सेवा को ही अपना धर्म और कर्म मानता है. आज विश्व नर्सिंग दिवस (International Nurses Day) है. इस मौके पर कई नर्सेज ऐसी हैं, जो अपने काम को सेवा के तौर पर कर रही हैं. साथ ही वो अन्य कार्यों से भी समाज को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही हैं. ऐसी ही एक नर्स हैं पूजा शर्मा. पूजा शर्मा एमबीएस में नर्सिंग ऑफिसर मेडिकल रेकॉर्ड डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं. कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान दोनों पति पत्नी दो बार वायरस से संक्रमित हो चुके थे.
पूजा ड्यूटी के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में कर रही हैं काम
इसके बाद दोनों ने एक दूसरे की सेवा की और स्वस्थ्य होकर दोबारा मरीजों की सेवा में लग गए. इतना ही नहीं कोरोना काल में मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध कराने के लिए पूजा शर्मा ने कई बार रक्तदान भी किया. पूजा ड्यूटी के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. एक गांव भूलाहेड़ा है. जहां कभी कोई रक्तदान शिविर नहीं लगा. पूजा ने वहां लोगों के मन में रक्तदान को लेकर जो भ्रांतियां थी उन्हें दूर किया. इसके बाद वहां रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. इस शिविर में 100 से अधिक लोगों ने पहली बार रक्तदान किया.
12 बार कर चुकी हैं रक्तदान
पूजा शर्मा खुद भी अब तक 12 बार रक्तदान कर चुकी है. वो रक्तदात्रि सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में लगातार रक्तदान शिविर आयोजित कर लोगों को दूसरों का जीवन बचाने के लिए प्रेरित कर रही हैं. वहीं विनीता कुमारी कोटा ये जे के लोन हॉस्पिटल में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं. 30 सितंबर 2020 को उनके पति का एक्सिडेंट हुआ. इस हादसे में उनके पति को हेड इंजरी और कई मल्टिपल इंजरी हो गई. वो काफी लंबे समय तक जयपुर हॉस्पिटल में भर्ती रहे. लंबे इलाज के बावजूद 5 सितंबर 2021 को उनकी मृत्यु हो गई.
उसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मरीजों की सेवा के साथ सामाजिक कार्य करना जारी रखा. घर में मां की ड्यूटी के साथ चिकित्सालय में मरीजों की सेवा जारी रखी. इसके अलावा वो सामाजिक संस्था यूथ एक्शन फॉर सोसायटी के माध्यम से स्कूल कॉलेज में बालिकाओं को गुड टच बेड टच की जानकारी दे रही हैं. साथ ही वो लोगों को शिक्षित करने का भी काम कर रही हैं.