Pushkar Fair: पुष्कर मेले में लाया गया 1500 किलो का भैंसा, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश!
Pushkar Fair 2024: विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले में कई जानवरों को लाया गया है. इस मेले में विदेशी सैलानी भी पहुंच रहे हैं. मेले का आकर्षण एक भैंसा बना हुआ है जिसकी कीमत करोड़ों में है.
Rajasthan News: राजस्थान में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला (International Pushkar Fair) चल रहा है जिसमें एक बेचने के लिए लाया गया एक भैंसा काफी चर्चा में है. इस भैंसे का वजन 1500 किलोग्राम बताया जा रहा है. मेले में आए लोगों में इस भैंसा को लेकर काफी उत्सुकता है. लोग उसे खाना खिला रहे हैं. बीते चार दिनों में हजारों लोगों ने इसे मेले में देखा है और कीमत पूछी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भैंसा की कीमत 23 करोड़ रुपये है और यह काजू बादाम खाता है. पुष्कर मेले की शुरुआत 9 नवंबर को हुई है. इसका समापन 15 नवंबर को होगा. राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जिला कलेक्टर लोक बंधु, एसपी वंदिता राणा ने पुष्कर के मेला मैदान में ध्वजारोहण कर पुष्कर मेले की औपचारिक शुरुआत की.
#WATCH | Ajmer, Rajasthan: A buffalo weighing around 1,500 kgs was brought to the International Pushkar Fair.
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) November 11, 2024
This year the fair is being organised from November 9 to November 15. pic.twitter.com/fUrReC6h0Q
विदेशी पर्यटकों का लगा मेले में जमावड़ा
इस मेले में विदेशी सैलानी भी पहुंचे और यहां आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं. आईएएनस से बातचीत में जर्मनी से आई एना ने बताया कि यह उनकी पुष्कर मेले में दूसरी बार भागीदारी है. उन्होंने दीवारों पर मांडने बनाए और कहा कि उन्हें यहां की संस्कृति बेहद आकर्षक लगी.
वहीं, फ्रांस से आई पर्यटक बॉर्श ने बताया कि यह उनका पुष्कर मेले में पहला अनुभव है. उन्होंने दीवारों पर मांडने बनाए, जो उन्हें बहुत अच्छा लगा.लोक कला संस्थान के संजय सेठी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में स्थानीय महिलाओं के साथ विदेशी महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया. उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान विदेशी महिलाएं भी मांडना कला में रुचि दिखा रही थीं, और इस अनुभव से उन्हें राजस्थान की संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिला.
मांडना बनाने में विदेशियों ने दिखाई रुचि
फ्रांस की अन्य पर्यटक ब्रोश ने बताया, ''हम भारतीय कला को जानना चाहते थे और भारतीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते थे. इसलिए हम पुष्कर आए हैं. हम यहां बहुत खुश हैं, हमें यह बिल्कुल पसंद आया. हमारे पास बस एक पेन है, कुछ रंग हैं, थोड़ा पानी है, और फिर हमने इंटरनेट पर कुछ प्रेरणा ली क्योंकि हमें असली भारतीय मांडना बनाना नहीं आता था. हम खुद को शुरुआत करने वाले मानते हैं, लेकिन हमें लगता है कि यह एक असली भारतीय जैसा ही है.''
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